उत्तर प्रदेश के कुम्हारों के अच्छे दिन आने वाले हैं। कुम्हारों के लिए योगी सरकार ने माटी कला बोर्ड का गठन किया है। इसके तहत राज्य में मिट्टी के दीये और कुल्हड़ जैसे लघु उद्योग का काम करने वाले कुम्हारों को इस योजना से जोड़ा गया है। दरअसल ऐसा करने का मकसद मिट्टी के बर्तनों के उद्योग को बढ़ावा देना है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल अभियान के तहत बाराबंकी को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ग्लोबल ब्रांडिंग के लिए चुना गया है। जिसके तहत बाराबंकी के कुम्हारों के बर्तन अब विदेशों में धूम मचाएंगे। पीएम के वोकल फॉर लोकल के तहत बाराबंकी में कॉमन फैसिलिटी सेंटर भी बनाया जाएगा।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के बीच भी उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार कामगारों-मजदूरों को रोजगार के अवसर दे रही है। इसी तर्ज पर सरकार ने प्रदेश के कुम्हारों के लिए माटी कला की अलग से योजना बना कर उनको मिट्टी के बर्तन, दीये और कुल्हड़ बनाने की ट्रेनिंग देने का फैसला लिया है। चाइनीज मूर्ति उत्पादकों से टक्कर लेने के लिए सरकार कुम्हारों को पग मिल, इलेक्ट्रिक चाक, दीपक बनाने वाली मशीन और मॉडर्न डिजाइन की डाई मुफ्त में उपलब्ध कराएगी। इसकी प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है। बाराबंकी जिले के बंकी ब्लॉक के मोहम्मदपुर में कॉमन फैसलिटी सेंटर के जमीन तलाशने के साथ ही शासन स्तर पर माटी कला सहकारी समिति का गठन भी कर दिया गया है। जिला ग्रामोद्योग अधिकारी वीके श्रीवास्तव इसके नोडल होंगे। सभापति चरन सिंह सहित सचिव व 22 सदस्य माटी कला बोर्ड से पहले से जुड़े हैं। यहां बड़े पैमाने पर मिट्टी के बर्तन बनाए जाएंगे। इसे ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन शापिंग के जरिए माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बाजार से भी जोड़ा जाएगा। जिससे बड़े पैमाने पर खरीदे गए मिट्टी के बर्तन, खिलौने और सजावटी सामानों को विदेशों में भी बेचा जा सकेगा। इससे करीब एक लाख युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
इस बारे में बाराबंकी जनपद के कुम्हारों का कहना है कि उन लोगों का काम पूरी तरह बंद होने की कगार पर था, लेकिन सरकार द्वारा माटी कला बोर्ड का गठन किए जाने से उन्हें फिर से आस जग गई है। कुम्हारों का कहना है कि उनको नए-नए प्रकार की मिट्टी के उपकरण बनाने की ट्रेनिंग देकर सरकार सभी का जीवन संवारने का काम कर रही है।
बाराबंकी के जिला ग्रामोद्योग अधिकारी वीके श्रीवास्तव ने बताया कि यूपी में उत्तरप्रदेश सरकार ने कुम्हारों के उत्थान के लिए माटीकला बोर्ड का गठन किया है। पहली बार गठित हो रही समिति का सभापति और मेरा संयुक्त रूप से खाता खोला जाएगा। मिट्टी के अधिक बर्तन बनने पर पॉलीथिन का प्रयोग बंद होगा। इससे बाराबंकी मिट्टी बनाने के हब के रूप में तैयार होगा। इसके तहत क्षेत्र में कुम्हारों का चयन कर उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही मिट्टी के आधुनिक और नए किस्म के बर्तनों को बनाने वाले उपकरण भी कुम्हारों को दिए जाएंगे। इससे उनके उत्थान के साथ क्षेत्र के बेरोजगार लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। यहां एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।