Please watch: "khatu shyam bhajan - Meri Aaj Jholiya Bharde Tere Dwar Pe Aaya Shyam || Bhawesh Soni Shyam Bhajan"
https://www.youtube.com/watch?v=RCu2Aw_oCNE --~--
#newmatabhajan #alha #maachamundamaatuljakikahani
********************************************
हमारे सभी भजनों को सुनने के लिये हमारे चेनल को सब्सक्राइब करना ना भुले
https://www.youtube.com/c/UNIXBHAKTI
To Listen More Power Full Aarti, Bhajan, And Mantra Plz Subscribe Our Chennal
https://www.youtube.com/c/UNIXBHAKTI
********************************************
Song Credit
Song - MAA CHAMUNDA MAA TULJA KI AMAR KAHANI
Singer -DWARKA MANTRI
Lyrics -JAYANT SANKHLA
Music - BHAWESH SONI
Audio - MAA RECORDING STUDIO
Ass Recordist - RAVI RAJPUT
Video - KAILASH TARANI
Artist - KINJAL KREZZ, VAISHALI MALVIYA, NEERAJ MALI , GAURAV SHARMA
Production Manager - VIMAL SHARMA
Producer - ASHOK RATWANI ( 9301530610 )
Category - New Mata Bhajan
Label# .
********************************************
Contact for release (Audio & Video) +91 9301530610
********************************************
If You like the video don't forget to share with others & also share your views.
Plz Like Share and Subscribe
Stay connected with us!!!
► Like us on Facebook: https://www.facebook.com/UNIX-Digital...
► Follow us on INSTAGRAM: https://www.instagram.com/co.unixdigi.
माँ चामुंडा माँ तुलजा का अमर यही इतिहास हुआ
सुनो सुनाऊ बात पुरानी
म.प्र. देवास शहर, महाशक्ति जहाँ वास करे है
माँ तुलजा और चामुंडा पर्वत पर ही निवास करे है
भक्ति की शक्ति से ही पर्वत पर अवतारी मैया
ध्यान रखे है भक्तो का सच्ची पालन हारी मैया
गुप्त रूप में टेकरी पर पहले से रहती थी भवानी
पर्वत पर रहती थी भवानी अपनी बहन तुलजा के साथ
उसी समय एक भक्त थे माँ की
देख टेकरी मन हर्षाया और विचार ये मन में आया
यहीं करूँगा माँ की साधना फिर पर्वत पर डेरा लगाया
ध्यान वो जब जब करते थे होता था एहसास उनको
पर्वत पे हे जगदम्बा होने लगा विश्वास उनको
लेकिन एक दानव भी कहीं से आ गया था इस पर्वत पर
आ पंहुचा वो इस पर्वत पर दानव नटकासुर था नाम
संतो और भक्तो को सताए
मचा दी उसने हाहा कार बढ़ने लगी सबकी परेशानी
भक्त करें माँ से पुकार रक्षा करो हे मात भवानी
प्रकट हुई चामुंडा रूप में करे युद्ध उस अपमानी से
एक ही पार में पार किया त्रिशूल को उसकी छाती से
अंत हुआ नटकासुर का, तेरी जय जय कार हो माई
तेरी जय जय कार हो माई माँ बोली सुन मेरे लाल
पर्वत पर ही वास है मेरा
बिगड़े बनाये सबके काम, माँ सबका कल्याण करे है
उसकी कभी ना होवे हार जो भी माँ का ध्यान धरे है
मंत्री और जयंत ने माँ महिमा जन जन तक पहुचाई
हम बालक नादान तुम्हारे भूल क्षमा कर देना माई
दो देवी का हो गया वास नाम शहर देवास कहाया
और शहर देवास कहाया आये जो माँ के दरबार
जो भी आये याद ना जाए
दो है रास्ते मंदिर के एक पैदल एक सीढ़ी रास्ता
उड़नखटोला उड़ता जाए माँ के मंदिर तक पहुचाये
भक्तो को भोजन मिलता अन्न क्षेत्र भी यहाँ पे चलता
जग जननी का है दरबार मिलती यहाँ चिंता से मुक्ति
अपना जीवन धन्य बना लो आओ करलो माँ की भक्ति