दिसम्बर, 2004 के बाद नियुक्त न्यायिक कर्मचारियों ने थोपी गई अहितकारी नई पेंशन योजना NPS को निरस्त करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के नाम बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने पोस्टकार्ड लिखे। कर्मचारियों का कहना है कि 2004 में लाई गई यह न्यू पेंशन स्कीम नहीं, बल्कि नो पेंशन स्कीम है। नई पेंशन नीति खामियों से भरी हुई है। कर्मचारियों के मुताबिक पुरानी पेंशन जहां सरकार देती थी। वहीं, नई पेंशन अब बीमा कंपनियां देंगी। अगर कभी कोई भी समस्या होती है, तो बीमा कंपनी से लड़ना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि पुरानी पेंशन स्कीम में सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी थी। लेकिन नई पेंशन नीति में कितनी पेंशन मिलेगी, यह तय नहीं है. इसके अलावा पुरानी पेंशन नीति में जीपीएफ की सुविधा भी मिलती थी। लेकिन नई पेंशन योजना में इसकी सुविधा खत्म कर दी गई है।