Seeking to replace Chinese and other foreign clothing used for making military uniforms in the country, Defence Research and Development Organisation (DRDO) is helping Indian textile industries produce yarns which will help to end reliance on import in this sector.
भारतीय सेना के लिए स्वदेशी उत्पाद बढ़ाने की कोशिश में गुजरात के सूरत शहर का योगदान तेजी से बढ़ता जा रहा है। देश की पुलिस फोर्स और मिलिट्री के लिए डिफेंस फैब्रिक अब तक चीन, ताइवान और कोरिया से मंगाया जाता था, लेकिन आजादी के बाद पहली बार अब यह कपड़ा सूरत में तैयार होगा। फाैज की वर्दी, जूते, पैराशूट, बैग और बुलेटप्रूफ जैकेट बनाने का जो कपड़ा हम अभी दूसरे देशों से मंगवाते थे, वो भी अब सूरत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री में बन रहा है। डिफेंस फैब्रिक यहां डीआरडीओ की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए ही तैयार किया जा रहा है।
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