जहां एक और सरकार पैर गरीब लाभार्थियों को पोषण युक्त भोजन के लिए राशन की दुकानों के माध्यम से साफ और शुद्ध क्वालिटी युक्त चना वितरण करवा रही है ताकि गरीवों को पोषण युक्त भोजन कर स्वास्थ्य रह सके। तो वहीं दूसरी ओर आपूर्तिकर्ता फर्म नेफ्ट द्वारा राशन की दुकानों का चना भिजवाने का काम किया जा रहा है। लेकिन आपूर्तिकर्ता फर्म से लेकर ट्रकों के माध्यम से राशन की दुकानों तक चना की आपूर्ति में बड़ा घोटाला किया जा रहा है। गोदाम से ट्रकों में लादकर जब चना की बोरिया राशन की दुकानों तक पहुंचती है तो इसी बीच बोरियों में से चना निकालकर उसमें मिट्टी और कंकड़ की मिलावट कर दी जाती है जो राशन की दुकानों पर जाकर गरीबों के मुंह का निवाला बन रहा है। हाल ही में ताजा मामला थाना पाली के स्थानीय कस्बा स्थित 3 राशन की दुकानों का है जिनके माध्यम से पात्र लाभार्थियों को मिलावटी चना दिया जा रहा है। राशन की दुकान पर जैसे ही कोटेदार द्वारा चने की बोरी खोली गई उसमें ऊपर मिट्टी और कंकड़ युक्त चना दिखाई दिया यह चना बोरियों में आधी आधी मात्रा में भरा हुआ है। इसके साथ ही जब कोटेदारों द्वारा उक्त घुना हुआ खराब गुणवत्ता का कंकड़ युक्त चना पात्र लाभार्थियों को दिया जाता है तो उनसे कह दिया जाता है कि "शासन की तरफ से ऐसा ही खराब चना आ रहा है लेना हो तो लो, नहीं लेना हो तो नहीं लो इसमें हमारा कोई दोष नहीं सरकार का दोष है" । इस तरह का वक्तव्य घोटाला शासन और सरकार की छवि को धूमिल कर रहा है और यह काम ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा है। सरकार गेहूं-चावल के बाद राशन दुकानों से चना बांटकर गरीबों की थाली में पोषण पहुंचाना चाहती है।लेकिन पोषण की बजाय उन्हें कंकड़,पत्थर और कचरायुक्त घुन लगा हुआ खराब चना दिया जा रहा है इससे उपभोक्ता लेने को तैयार नहीं हैं। बताया गया है कि पाली कस्बे में कोटे की 3 अलग अलग दुकानें हैं जिन्हें कोटेदार नारायणदास चौरसिया, शिवलाल रजक और सतीशचन्द जैन संचालित करते है। इस खराब गुणवत्ता के चना की बारी में जब कोटेदारों से बात की गई तो उनका कहना है कि आपूर्तिकर्ता फर्म द्वारा यह घटिया और खराब गुणवत्ता का चना आपूर्ति किया जा रहा है जबकि सरकार की मंशा गरीबों को शुद्ध और स्वास्थ्य ना देने की है ठेकेदारों द्वारा सरकार और शासन की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से खराब गुणवत्ता की चने की आपूर्ति की जा रही है जिसमें हम कुछ नहीं कर सकते हमारे पास जो आ रहा है हम पात्र लाभार्थियों को बांटने का काम कर रहे हैं हालांकि खराब गुणवत्ता का चना लेने से पात्र लाभार्थियों ने इंकार कर दिया।
इस मामले में जब जिला पूर्ति अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए इस प्रकार की किसी भी जानकारी होने से इंकार कर दिया और जब उन्हें बताया गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कर कार्यवाही की जाएगी।