लाइफ में पुरुषों के योगदान को एक नाम देने की जिम्मेदारी डॉ. जीरोम तिलकसिंह ने उठाई थी। डॉ. जीरोम ने ही पुरुष दिवस मनाने की पहल की थी। उन्होंने अपने पिता के जन्मदिन के दिन पुरुष दिवस को मनाया था।