यहां दीपावली पर नहीं जलाते दीये, मनाते हैं शोक

Patrika 2020-11-13

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देश भर में दीपावली के पर्व पर दीया जला कर लोग बड़े उत्साह से पर्व मनाते है।मगर मिर्ज़ापुर के राजगढ़ में आधा दर्जन ग़ांव ऐसे भी है जहाँ लोग दीपावली को दिये नही जलाते उस दिन शोक मानते है।क्षत्रिय चौहान वंश के इन लोगो का मानना है कि इसी दिन पृथ्वीराज चौहान की हत्या मुहम्मद गोरी ने किया था।इसी लिए इस वंश से जुड़े लोग आज के दिन शोक दिवस के रूप में मानते है।

भारत मे दीपावली को रोशनी का पर्व माना जाता है।इस दिन बड़े उत्साह से घरों को दिये से रोशन कर मिठाई बाट कर खुशियों के इस पर्व को लोग मानते है।मगर मिर्ज़ापुर के राजगढ़ इलाके के अटारी गाँव और आस-पास के आधा दर्जन गांवों में पृथ्वीराज चौहान वंश के रहने वाले चौहान वंश के क्षत्रिय परिवार दीपावली के दिन शोक दिवस मानते है।शोक में इस दिन यह लोग घर मे दीपक नही जलाते,कोई रोशनी करते है।यह लोग एकादशी को दीपावली के पर्व रूप में मनाते है। उस दिन घर मे रोशनी करते है।सैकड़ो साल से चली आ रही यह परंपरा आज भी चौहान वंश के घरों में चलती आ रही है।गाँव के रहने वालो का कहना है कि दीपावली के दिन ही हमारे वंश के राजा पृथ्वीराज चौहान की मुहम्मद गोरी ने हत्या कर दिया था।तभी से हमारे चौहान वंश के लोग इस दिन को शोक दिवस के रूप में मनाते है।राजबीर सिंह चौहान का कहना है कि चौदहवी शताब्दी में पृथ्वीराज चौहान को मुहम्मद गोरी ने मारा था।इसी लिए चौहान वंश के लोग दीपावली नही मानते है।यहां पर पांच से छ ग़ांव है।जहाँ दीपावली नही मनाई जाती है।वही कुलदीप सिंह चौहान का कहना है कि हम लोग दीपावली नही मानते इस दिन शोक मानते है।दीपक घरों में नही जलाते है।एकादसी को दीपक जलाते है उसी दिन दीपावली मानते है।

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