उत्तर प्रदेश में जबसे योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार आयी है तबसे किसी जिले की अगर सबसे ज्यादा चर्चा होती है तो वह है भगवान राम की धरती आयोध्या जिले की । दीपावली के समय यहाँ होने वाले दीपोत्सव कार्यक्रम को देखने के लिए देश और विदेश से लोग इकट्ठा होते हैं । इस बार अयोध्या में बाराबंकी के दिये जलाकर मुख्यमंत्री दीपोत्सव का शुभारम्भ करेंगे लेकिन अयोध्या के दीपोत्सव से पूर्व बाराबंकी में यहाँ के बने बिना तेल के तीन घण्टे जलने वाले दिए की अनुपम छटा देखने को मिली ।
बाराबंकी के नगर पालिका परिषद के परिसर में आज बीती रात दीपोत्सव का कार्यक्रम जिला प्रशासन और पुलिस ने आयोजित किया और यह सांस्कृतिक झलक उसी अद्भुत कार्यक्रम की है । जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में उनके हाथों से दियों को प्रज्ज्वलित किया गया । यह दिए एक ऐसे गाँव में निर्मित किये गए हैं जो अवैध शराब के निर्माण के लिए जाना जाता था । पुलिस अधीक्षक की पहल पर इस गाँव ने अवैध काम को छोड़कर सम्मानजनक काम से जुड़ने का काम किया है । उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भी इस गाँव को दियों की बड़ी खेप दिए जाने का आर्डर प्राप्त हुआ है जिनका प्रज्ज्वलन अयोध्या के दीपोत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री स्वयं करेंगे । आज बाराबंकी में दीपोत्सव को आयोजित कर यहाँ के दियों की अन्यपम छटा देखने को मिली ।
बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अरविन्द चतुर्वेदी ने बताया कि मैन देखा कि अवैध शराब के काम को रोकना हमेशा यहाँ एक चैलेन्ज रहा है और बार - बार एक ही गाँव में दबिश होना और बरामदगी होना यह बात दर्शाता था कि यहाँ कोई अन्य रोजगार नही है । बाराबंकी के जिलाधिकारी के साथ हमने एक योजना बनाई और लगातार चार हफ्तों तक वहाँ चौपाल लगा कर लोगों को समझाया और मधुमक्खी पालन जो वहाँ के वातावरण को देखते हुए सबसे अच्छा काम है को करने के लिए प्रेरित किया लेकिन सिर्फ मधुमक्खी पालन से काम नही चल सकता था इस लिए इन्हें दीपावली को देखते हुए दिए बनाने की ट्रेनिंग दिलवाई गयी और आज वहाँ बड़े आर्डर मिल रहे है जो हमारी परिकल्पना के अनुरूप कार्य होता दिखाई दे रहा है ।
बाराबंकी के जिलाधिकारी डॉक्टर आदर्श सिंह ने बताया कि हमारा जनपद अवैध शराब के धन्धे से काफी बदनाम हो चुका था और पिछले दिनों यहाँ बड़ी दुखद घटनाएं भी हो चुकी थी । हमारे कप्तान साहब ने यहाँ एक नयी सोंच डेवलप की और जो गाँव चैनपुरवा अवैध शराब के धंधे में।लिप्त था वहाँ जाकर लोगों से बात की कि वह क्यों ऐसा काम करते है और कौन सा ऐसा काम है जो वह करके इस अवैध काम को छोड़ सकते है । इस क्रम में उनसे मधुमक्खी पालन और दियों के निर्माण का काम शुरू करवाया और इसके लिए उन्हें ट्रेनिंग भी दिलवाई । आज वहाँ की महिलाएं समूह बनाकर सम्मानजनक कार्य कर रही है और इस काम को आगे बढ़ाने के लिए हम और भी सहयोग करने को तैयार है । कप्तान साहब ने अपनी सोंच से यह सिद्ध।किया है कि सिर्फ कठोर और विधिक कार्यवाही ही विकल्प नही होता बल्कि सकारात्मक प्रयासों के दम पर भी अवैध काम रोके जा सकते हैं । आज इस कार्यक्रम में उस गाँव की महिलाएं भी शामिल हुई थी ।