एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय में अध्ययन के सह-लेखक डैनियल बॉन कहते हैं कि अति सूक्ष्म बूंदें होने के कारण उनमें वायरस की संख्या कम होती है। इसलिए उससे संक्रमण के प्रसार का खतरा कम है। जर्नल ‘फिजिक्स ऑफ फ्ल्यूड’में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक बंद स्थान में Sars-Cov-2 का एयरोसोल प्रसार खास प्रभावी नहीं होता है। शोधकर्ताओं ने कहा, "यदि कोई व्यक्ति ऐसे स्थान पर आता है जहां कुछ ही देर पहले कोरोना के हल्के लक्षणों वाला संक्रमित व्यक्ति मौजूद था तो भी उस व्यक्ति के संक्रमण की जद में आने की आशंका कम होती है।