शाजापुर मां राजराजेश्वरी मंदिर नगर ही नहीं आसपास ग्रामीणों के लिए श्रद्धा व आस्था का केंद्र है। किसी समय इस मंदिर को चंद्रभागा कहा जाता था। जिसका विवरण स्कंदपुराण में भी मिलता है। इस मंदिर में पिछले 47 साल से अखंड ज्योति प्रज्वलित है। राजराजेश्वरी मंदिर अतिप्राचीन है एक समय था जब शाजापुर नगर न होकर छोटे-छोटे गांव एवं डेरों की बसाहट में हुआ करता था। कालांतर में यह मंदिर सिंधिया परिवार के आधिपत्य में आया और माधवराव द्वारा जमीन एवं बावड़ी मंदिर के नाम की गई। सन् 1967 में पं. हरिशंकर नागर को गंधर्वपुरी से शाजापुर लाया गया व मंदिर के पुजारी के रूप में नियुक्त किया गया था।