while the JD(U) is facing anti-incumbency, the gathbandhan has its own share of problems. Prime among them is the 70 seats that the Congress is contesting where the distribution of tickets is perceived to be bad. It is there that the NDA in general and the JD(U) in particular would compensate for losses they incur on account of anti-incumbency and the LJP rebellion factor. Hence, in the final analysis, as of now, Nitish remains the pivot around whom the political dynamics of Bihar revolves.
10 अक्टूबर के बाद बिहार का मुख्यमंत्री कौन? ये एक ऐसा सवाल है जो बिहार के हर नागरिकों के मन में है. इसी का जवाब तलाशने के लिए चाय की दुकान, सोशल मीडिया से लेकर मेन स्ट्रीम मीडिया में चर्चाओं का बाजार गर्म. इन चर्चाओं के बीच जो आम तौर पर रिजल्ट उभरकर सामने आती है वो है कि अब नीतीश कुमार को लोग बिना झिझक के फिर से सीएम बनने की संभावना से सीधे इनकार कर रहे हैं, बल्कि कहें तो तेजस्वी यादव ना सिर्फ नीतीश कुमार को कड़ी टक्कर देते हुए नजर आ रहे हैं बल्कि अगर इसी ट्रेंड पर चुनाव आगे बढ़ते रहा तो हो सकता है कि कुछ दिनों बाद तेजस्वी नीतीश कुमार से ज्यादा संभावना वाला नेता बनकर सामने आ सकते हैं.
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