दहेज सामाजिक बुराई है। इससे समाज का गरीब कमजोर तबका ही सर्वाधिक प्रभावित होता है। जो स्वेच्छा से दिया जाए वह दान है, बाकी सब दहेज है। नवयुग जनचेतना संस्थान के अध्यक्ष पुत्तन लाल पाल ने ब्लॉक सभागार में आयोजित 'दहेज का अंत कब' गोष्ठी में उक्त विचार व्यक्त कर रहे थे।