जयपुर। शहर के कई वार्डों में सालों से कई वार्ड पार्षद आए और गए। कई सरकारें राज्य में आई और गई। लेकिन राजधानी के सबसे पॉश विधानसभा क्षेत्र सिविल लाइंस के इस हिस्से की समस्या वैसे ही बनी रही। हम बात कर रहे हैं एनबीसी रोड स्थित हसनपुरा ए की, जो वार्ड 40 हैरिटेज में आता है। नगर निगम चुनावों को लेकर यहां पर राजनीतिक हलचल एक बार फिर से शुरू हो चुकी हैं, दावेदार फिर दावे कर रहे हैं समस्याएं सुलझाने का, लेकिन यहां की कई समस्याएं अनसुलझी ही है। इस बस्ती की समस्याओं पर नेताओं का ध्यान तो नहीं जाता, लेकिन यहां जितने भी पार्षद बनें, वे भी इसकी मुख्य समस्या का हल नहीं निकाल पाए। यहां आज भी रास्ते पर अतिक्रमण सबसे बड़ी समस्या है। इस कारण 20 हजार से ज्यादा आबादी और साढे आठ हजार वोटर का यह वार्ड आज भी संकरी गलियों सा है। वजह इतनी है कि पार्षदों के आंखों के सामने अतिक्रमण से सड़कें छोटी होती रहीं, लेकिन पार्षदों ने कुछ नहीं किया।
रास्ता एक ही
तीन किलोमीटर के दायरे में फैली इस कॉलोनी में आने और जाने का सिर्फ एक रास्ता है। जो यहां की कई दशकों की समस्या है। हर बार सरकार को ज्ञापन दिए जाते हैं, पार्षदों से बात की जाती है, लेकिन स्थानीय लोगों की यह समस्या वैसी ही है। एनबीसी रोड मुख्य मार्ग पर स्थित रोजगारेश्वर महादेव मंदिर के पास से इस कॉलोनी के लिए इकलौता रास्ता अंदर जाता है। यह 40 फुट की सड़क है। इस सड़क पर भी एक बड़ा वाहन आ जाए तो जाम लग जाता है। और यदि कभी पांच साल में एक बार यहां सड़क बनाने का काम छेड़ दिया जाए तो मुसीबत और बढ़ जाती है। फिर तो कॉलोनी के लोग अपने काम के लिए भी यहां से बाहर नहीं निकल सकते। इस एक ही रास्ते ने यहां पर रहने वालों का जीना मुश्किल कर रखा है।
एनबीसी के पास से रास्ते की मांग
यहां दशकों से एनबीसी के पास पड़ी जमीन से रास्ता निकाले जाने की मांग की जा रही है। लेकिन इस मांग पर किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया। यहां तक कि बहुत पीछे जाकर जो हसनपुरा बी कच्ची बस्ती है, वहां के लोगों को भी चक्कर काटकर इस एक ही रास्ते से आना—जाना पड़ता है। इस लगातार बढ़ती बस्ती को एक और रास्ता दिए जाने की मांग यहां के निवासी फिर कर रहे हैं।