जिला अस्पताल के डॉक्टर की लापरवाही से महिला की मृत्यु

Patrika 2020-10-10

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बाँदा जिला अस्पताल हमेशा से ही अपनी लापरवाही के लिए जाना जाता है, यहाँ के डॉक्टरो की लापरवाही से ना जाने कितनी जाने जा चुकी है । कहने को तो डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है पर जब यही रछक-भछक बन जाये तो कितने लोग अपने परिजनों की जिंदगी से हाथ धो बैठते हैं । ऐसी ही एक घटना आज बाँदा जिला अस्पताल में देखने को मिली है जहाँ ड्यूटी में तैनात डॉक्टर की लापरवाही व संवेदनहीनता के चलते एक महिला मरीज की मौत हो गयी । इस घटना से नाराज परिजनों ने डॉक्टर पर कानूनी कार्यवाही की मांग करते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा काटा । मौके पर पहुँचे सीएमएस ने परिजनों को कार्यवाही का आश्वासन देकर हंगामा शांत कराया ।
मामला बाँदा जिला अस्पताल का है जहाँ सुबह एक महिला मरीज को बीपी व खासी होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और रात को महिला की मौत हो गयी । इसके बाद परिजनों ने ड्यूटी में तैनात डाक्टर प्रदीप गुप्ता को मौत का जिम्मेदार बताते हुए अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा काटना शुरू कर दिया । कुछ ही देर में चौकी पुलिस व सीएमएस भी अस्पताल पहुँच गए पर गुस्साए परिजन डॉक्टर पर कानूनी कार्यवाही की माँग करते हुए हंगामा काटते रहे । लगभग एक घंटे चले हंगामे के बाद सीएमएस द्वारा आरोपी डॉक्टर पर कार्यवाही का आश्वासन देने के बाद परिजन शांत हुए ।
मृत महिला के लड़के ने कहा कि हम सुबह अपनी माँ को अस्पताल लेकर आये थे, सुबह से अभी तक उनको सिर्फ एक बोतल ग्लूकोस ही चढ़ाया गया, हमारे बहुत कहने के बाद भी मेरी माँ को ऑक्सीजन नही दिया गया, हमसे बाहर की 1400 रुपयों की दवा मंगाई गई और अभी रात में बाहर ले जाने को कह दिया गया, हम पैसो के इंतजाम व अन्य तैयारियो में लग गए और मेरी माँ की मौत हो गयी । परिजनों ने कहा कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से हम मरीज को ऑक्सीजन देने के लिए गिड़गिड़ाते रहे पर डॉक्टर ने हमारी एक नही सुनी, इस मौत के जिम्मेदार डॉक्टर हैं । अस्पताल के अन्य मरीजो के परिजनों ने भी अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही व बाहर की दवा मँगाने का आरोप लगाते हुए अपना गुस्सा जाहिर किया ।
वहीं इस मामले पर सीएमएस का कहना था कि महिला को बीपी की शिकायत पर यहाँ भर्ती कराया गया था, इंजेक्सन दिया गया था पर बीपी कंट्रोल नही हो पाया संभवता हाट अटैक से मरीज की मौत हुई है । कहा कि अस्पताल में 80 सिलिंडर आक्सीजन के है, जब आक्सीजन है तो मरीज को क्यों नही लगाई गई हम इसकी जांच करेंगे, अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवा भी उपलब्ध है अगर बाहर से दवा मंगाई गई है तो हम इस पर भी जांच करके कार्यवाही करेंगे । डॉक्टर प्रदीप गुप्ता पर लगे आरोपो पर सीएमएस ने कहा व माना कि डॉक्टर का स्वभाव कुछ अलग है जिसके लिए उनको कई बार समझाया भी गया है उनके स्वभाव में अब काफी बदलाव आया है, आज के पूरे मामले की मैं जांच कराऊँगा, इसमे जो भी दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी ।
बाँदा जिला अस्पताल की ये पहली घटना नही है ऐसी घटनाएं आये दिन देखने को मिलती है पर हर बार डॉक्टर व स्टाफ पर कार्यवाही का आश्वासन दिया जाता है जैसा कि आज हमारे सीएमएस साहब ने दिया है पर इसका खामियाजा मरीज और उसके परिजनों को भुगतना पड़ता है । अब देखना ये होगा कि क्या आरोपी डॉक्टर पर कानूनी कार्यवाही होती है या नहीं, ये तो आने वाला समय ही बताएगा ।

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