मेरठवासियों का सपना रैपिड रेल का निर्माण कार्य काफी तेज गति से चल रहा है। दिल्ली से शुरू हुआ निर्माण कार्य अब मेरठ महानगर की सीमा के भीतर प्रवेश कर गया है। मेरठ में भी निर्माण कार्य मे धीरे—धीरे तेजी आती जा रही है।
दिल्ली-मेरठ के बीच रैपिड रेल चलाने की तैयारी इन दिनों जोरों पर है। एनसीआर ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन के अफसरों ने रैपिड रेल के स्टेशन और कॉरिडोर के लिए मेवला, मेरठ खास, पल्हेड़ा और सिवाया में जमीन खरीदने की तैयारी की है। जमीन उसके मालिकों से सहमति के आधार पर खरीदी जाएगी। रैपिड अधिकारियों ने किसानों से समझौते के तहत एग्रीमेंट किया है। दिल्ली-मेरठ के रैपिड मेट्रो-रेल प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ रहा है। रैपिड रेल प्रोजेक्ट को पूरा करने कार्यो को रफ्तार देने के लिए तैयारियां भी काफी जोरों पर हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार और एशियाई विकास बैंक के बीच एक समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत केंद्र सरकार ने दिल्ली-मेरठ रैपिड मेट्रो-रेल प्रोजेक्ट के लिए एशियाई विकास बैंक ने 3750 करोड़ लोन दिया है। बताते चलें, दिल्ली-मेरठ के रैपिड मेट्रो-रेल प्रोजेक्ट के तहत साल 2025 तक इस रुट के लिए रैपिड रेल के 30 ट्रेनसेट और मेरठ मेट्रो के 10 ट्रेनसेट चलाये जाएंगे। इस प्रोजेक्ट के तहत 82 किलो मीटर लम्बा एक रेलवे ट्रैक निर्मित किया जा रहा है। जिसका कार्य तेजी से चल रहा है। मुरादनगर तक कई स्थानों पर पिलर बनकर तैयार भी हो चुके हैं। रैपिड मेट्रो-रेल प्रोजेक्ट पर दो प्रमुख चरणों में तेजी से काम चल रहा है।
दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए मेरठ तक चलने वाली रैपिड रेल का काम दिल्ली से लेकर गाजियाबाद के बीच और गाजियाबाद से आगे मेरठ महानगर तक पहुंच गया है। केंद्र और प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजनाओं में यह शामिल है। पिलर खड़ा होने के बाद अब इसके स्टेशनों, डिपो, यार्ड और कॉरिडोर के लिए काम शुरू करने की व्यवस्था की जा रही है।