सरकार की बेरूखी पर छलका शहीद मेजर के परिजनों का दर्द

Patrika 2020-10-05

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सरकार की बेरूखी के चलते शहीद मेजर केतन शर्मा के परिजनों का सब्र का बांध टूट गया है। डेढ़ वर्ष पूर्व मेजर केतन शर्मा जम्मू—काश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। इसके बाद राज्य सरकार ने केतन शर्मा के परिजनों से उनकी अंत्येष्ठी के दौरान कुछ वादे किए थे। लेकिन आज डेढ़ वर्ष बाद भी सरकार अपने वादे पूरे नहीं कर सकी। जिससे शहीद के परिजनों में आक्रोश है। परिजनों ने कहा कि क्या हमें भी सरकार को उसका वादा याद दिलाने के लिए धरने—प्रदर्शन करने होंगे? आखिर सरकार खुद ही वादे कर रही थी। लेकिन अब निभाना भूल गई है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मांग पूरी कराने की बात कही।
श्रद्धापुरी निवासी मेजर केतन शर्मा पुत्र रविंद्र शर्मा 17 जून 2019 को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे। शहीद मेजर केतन शर्मा के ताऊ अशोक शर्मा और पिता रविंद्र शर्मा का कहना है कि इसके बाद मुख्यमंत्री ने शहीद परिवार के लिए किए गए वादे आज तक पूरे नहीं हो सके। उनका कहना है कि गत 10 सितंबर 2020 प्रदेश के 11 शहीदों के नाम से सड़क का नामकरण करने की घोषणा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य द्वारा की गई। लेकिन उसमें मेजर शहीद केतन शर्मा का नाम नहीं था। इससे परिजनों को आघात पहुंचा, उन्होंने कहा कि हमने सरकार से कोई मांग नहीं रखी थी। जनप्रतिनिधियों, मेयर व सरकार ने 4 वादे पूरे करने को कहा था। जिनमें से शहीद परिवार को 25 लाख रूपये, परिवार को एक सरकारी नौकरी, शहीद मेजर केतन शर्मा के नाम से सड़क का नामकरण और शहीद द्वार व पार्क का नाम शहीद मेजर केतन शर्मा के नाम रखने की घोषणा की थी। घटना को हुए करीब डेढ़ वर्ष होने वाला है। लेकिन अभी तक सड़क और पार्क का नामकरण नहीं हो सका और ना ही शहीद के नाम से गेट का निर्माण हो सका। जिससे शहीद की याद लोगों के दिलों में बसी रहे। उन्होंने कहा सरकार ने 25 लाख रुपए तो दे दिए और पत्नी ईरा शर्मा को क्लर्क की नौकरी दी जा रही थी। जिसको ईरा शर्मा ने अस्वीकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उसकी पढ़ाई के हिसाब से और पति क्लास वन ऑफिसर था। उसी हिसाब से जॉब दी जानी चाहिए। परिजनों का कहना था कि शहीद की पत्नी को अध्यापक या उसके समकक्ष नौकरी दी जानी चाहिये। उन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी से मिलने और मुख्यमंत्री को पत्र भेजने की बात कही। इस दौरान श्रद्धापुरी आवासीय कल्याणकारी समिति के पदाधिकारी संजय सिंह, देवेंद्र कुमार गावा, बीके दास, शिवकुमार त्यागी, भोपाल सिंह, जगमोहन शर्मा और बंटी बरनाला मौजूद रहे।

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