आखिर आम आदमी मुस्कुराए तो कैसे देखिये कार्टूनिस्ट का नज़रिया

Patrika 2020-10-02

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दो अक्टूबर को वर्ल्ड स्माइल डे मनाया गया. 'विश्व मुस्कान दिवस' को हर साल अक्टूबर महीने के पहले शुक्रवार को मनाया जाता है।सर्वप्रथम इस दिन को सेलिब्रेट करने का विचार अमेरिकी कलाकार 'हार्वे बॉल' को आया था, उन्होंने ही सबसे पहले स्माइल फेस आइकॉन बनाए थे, जिन्हें आज हम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर संदेश भेजने के दौरान काम में लेते हैं। मुस्कान हमारे जीवन बहुत महत्त्वपूर्ण है .इससे हमारी सेहत दुरुस्त रहती है.मुस्कुराने से शरीर से अच्छे हार्मोन स्त्रावित होते हैं, जिससे तनाव कम होता है. एक छोटी सी मुस्कुराहट खुद में ही नही दूसरों में भी सकारात्मक अहसास कराती है. मगर वर्तमान दौर में आम आदमी के लिए मुस्कुराना दूभर हो गया है . एक तरफ कोरोना जैसी भयावह महामारी का प्रकोप है तो दूसरी तरफ महंगाई की मार.कॉमनमैन को काम होती आमदनी की फिक्र भी है और साथ ही खराब कानून व्यवस्था के चलते अपराधियों की दहशत भी सता रही है.इन बड़ी समस्याओं के बीच आखिर कोई मुस्कुराए तो कैसे ! देखिये इस मुद्दे पर कार्टूनिस्ट सुधाकर का कटाक्ष.

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