ठंड से बुजुर्ग और मरीजों को उठानी पड़ सकती है परेशानी

Patrika 2020-10-02

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मेरठ में अक्टूबर का महीना शुरू होते ही गुलाबी सर्दी की दस्तक शुरू हो चुकी है। यानि कि मेरठवासियों को गर्मी से राहत मिलने के बाद आनंद वाली सर्दी का मिल रहा है। लेकिन इस बार मेरठ के लोगों को कड़ाके की ठंड से दो चार होना पड़ सकता है। वैसे तो वेस्ट यूपी में अब ठंड पूरी तरह से दस्तक देने के लिए तैयार है। लोगों को अब सुबह और शाम सर्द मौसम का अहसास होने लगा है। मौसम विभाग की माने तो 15 अक्टूबर से लेकर 30 जनवरी तक ठंड सबसे अधिक रहने की संभावना है और धूलकण की वजह से कोहरा रहने की भी संभावना भी अधिक है। वहीं दूसरा कारण यह भी बताया कि हिमालय की ओर से आनेवाली हवा की वजह से ठंड में इजाफा होगी। हिमालय क्षेत्र में बने अपर एअर साइक्लोनिक सर्कुलेशन और वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर पश्चिम उप्र का मौसम बदल रहा है।
ठंड के दौरान न्यूनतम तापमान और अधिकतम तापमान में बीच-बीच में उतार चढ़ाव देखने को भी मिलेगा। माना यह जा रहा है कि आगामी 15 अक्टूबर तक न्यूनतम तापमान घटकर 18 डिग्री तक पहुंच जाएगा और ठंड धीरे—धीरे बढने लगेगी। भूगोल विद और मौसम वैज्ञानिक डा0 कंचन सिंह का मानना हैं कि पिछले दो सालों में नवंबर और दिसंबर में न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा नीचे नहीं रहा है। नवंबर 2018 में अधिकतम 29 डिग्री और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था ,जबकि नवंबर 2019 में भी अधिकतम 25 और न्यूनतम 11 डिग्री के आसपास था।
उम्मीद यह की जा रही है कि अगर 4 से 5 दिनों में पछुआ हवा बहती है तो न्यूनतम तापमान में भी तेजी से गिरावट होगी और दिन में भी कई जगहों पर आसमान में तेज हवाएं चलने की संभावना है। सिहरन भरी ठंड के बाद मेरठ में अक्टूबर के बाद ही गर्म कपड़े भी निकलने शुरू हो जाएंगे।
कंचन सिंह के अनुसार बंगाल की खाड़ी के उपर बने निम्न दबाब के कारण मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में तापमान में परिवर्तन हुआ है।

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