बजाज पावर प्लांट द्वारा कोयले से बिजली बनाने के बाद जो अवशेष राख बचती है उसे वह अपने ठेकेदारों के माध्यम से जनपद के कोने-कोने में डलवा रहा है जिससे आम नागरिकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । यहां तक कि बजाज पावर प्लांट से निकलने वाली राख से यहां के जन श्रोतो को पाट दिया गया इसके साथ ही खेतों से लेकर मकानों के निर्माण में भी बजाज पावर प्लांट की राख का जमकर इस्तेमाल किया गया। इतना ही नहीं जनपद में ठेकेदारों के माध्यम से बनवाई जा रही सरकारी बिल्डिंगों में भी बजाज पावर प्लांट की राख का जमकर इस्तेमाल हुआ और यहां के जिम्मेदार अधिकारी आंख बंद कर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। जनपद में बजाज पावर प्लांट से निकलने वाली राख का आलम यह है कि यहां की आबोहवा में बजाज पावर प्लांट से निकलने वाली राख उड़कर जहर घोल रही है और लोगों के स्वास्थ्य को खासा प्रभावित कर रही है। ऐसा नहीं है कि जनपद के जिम्मेदार अधिकारी बजाज पावर प्लांट की इस हरकत से बाकिफ नहीं है लेकिन बजाज पावर प्लांट के खिलाफ कोई सरकारी कोई कार्यवाही करने के मूड में दिखाई नहीं देता। कई बार जिला अधिकारी से लेकर उच्च स्तर तक इस बात को पहुंचाया गया लेकिन यहां पर अभी तक बजाज पावर प्लांट के खिलाफ किसी भी अधिकारी ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया । हां पूछे जाने पर जल्द कार्यवाही का आश्वासन तो दिया लेकिन कार्यवाही नहीं की जिसका परिणाम है कि पूरे जनपद में बजाज पावर प्लांट से निकली हुई राख फैली और उड़ती हुई नजर आ रही है। जिससे मानव जीवन के साथ-साथ पशु पक्षियों का भी जीवन खतरे में पढ़ता हुआ नजर आ रहा है। क्योंकि बजाज पावर प्लांट से जो राख निकलती है वह जहरीली होती है जो प्रशासन द्वारा कराये गये लैब टेस्ट में भी प्रमाणित हो चुका है। तत्कालीन जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस बात की पुष्टि की गई थी कि बजाज पावर प्लांट से निकलने वाली राख केमिकल युक्त होती है जिसने आसपास के जल स्रोतों का जल जहरीला कर दिया है साथ ही जमीन में भी जहर घोलने का काम कर रही है जिससे लगातार जमीनें बंजर हो रही हैं।
हाल ही में बजाज पावर प्लांट की राख को ट्रकों के माध्यम से ललितपुर से राजघाट की ओर जाने वाली सड़क पर रेलवे क्रॉसिंग के उस तरफ सिलगन के आसोआस के इलाकों में फेंका जा रहा है । जिससे आने जाने वाले राहगीरों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ जिसमें एक पीड़ित व्यक्ति ने स्पष्ट रुप से लिखा है कि बजाज पावर प्लांट की राख सड़क के दोनों किनारों पर ट्रकों के माध्यम से डाली जा रही है । यह उड़ती हुई राख सड़क पर अवरोध पैदा कर रही है साथ ही दुर्घटनाओं को भी न्योता दे रही है इसके साथ-साथ आने जाने वाले यात्रियों के लिए भी मुसीबत का सबब बनी हुई है।
अब सवाल यह पैदा होता है कि जब बजाज पावर प्लांट की राख जहरीली और केमिकल युक्त है तो उसे यूं ही खुलेआम क्यों फैंकने दिया जा रहा है । इसके साथ ही सवाल ये भी पैदा होता है कि जिम्मेदार अधिकारी क्यों इस मामले में मौन बने हुए हैं क्यों कोई कार्यवाही बजाज पावर प्लांट के खिलाफ करने को तैयार नहीं। अब नवागंतुक जिलाधिकारी से कोई उम्मीद लगाई जा सकती है।