In the 2014 Lok Sabha election campaign, Narendra Modi promised to increase farmers’ income. Yet after coming to power, his government did little towards this promise throughout its first tenure. Recently, however, the Modi government passed three “historic” bills purported to alleviate the woes of India’s farmers.
कृषि सुधार के दावों के साथ केंद्र सरकार ने जो तीन नए विधेयक पेश किए हैं, उनका देश भर के किसान विरोध कर रहे हैं. किसान संगठनों का आरोप है कि नए क़ानून के लागू होते ही कृषि क्षेत्र भी पूंजीपतियों या कॉरपोरेट घरानों के हाथों में चला जाएगा और इसका नुक़सान किसानों को होगा. इस कानून के विरोध में प्रदर्शन तो पंजाब से शुरू हुआ लेकिन अब देश के कोने-कोने तक फैल चुका है। अब भारतीय किसान यूनियन समेत विभिन्न किसान संगठनों ने आज देशभर में चक्का जाम करने का एलान किया है। इसमें 31 संगठन शामिल हो रहे हैं। वहीं इस विरोध को राजनीतिक पार्टियों का भी पूरी समर्थन मिल रहा है। बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब किसान मोदी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं, इससे पहले भी कई मौकों पर वो सरकार के खिलाफ आंदोलन कर चुके हैं।
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