एलीफेंट विलेज पर कोरोना की मार
पहले हाथियों ने दम तोड़ा
अब महावत कर रहे आत्महत्या
कोरोना लॉक डाउन में केवल इंसानों को ही नहीं बल्कि बेजुबानों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जी हां,राजधानी जयपुर में स्थित एकमात्र हाथी गांव में लॉक डाउन के दौरान कोरोना काल में पांच हाथियों ने दम तोड़ा और अब महावत भी अपनी ही जान ले रहे हैं। साथ ही पहले हो हाथी गांव पर्यटकों से आबाद रहा करता था, वहां अब विदेशी तो दूर देशी पर्यटक भी नहीं आ रहे हैं।
राजधानी से कुछ ही दूरी पर आमेर में कुंडा गांव में बसा है हाथी गांव, जहां हाथी अपने महावतों के साथ रहते हैं। लॉक डाउन का असर हाथी गांव में भी पड़ा, यहां एलीफेंट राइड बंद कर दी गई और हाथी अपने गांव में सिमट कर रह गए। राइड बंद होने से महावतों की कमाई भी बंद हो गई । ऐसे में हाथियों को पालना उनके लिए टेढ़ी खीर बन गया । आपको बता दें कि एक हाथी को पालने का खर्चा प्रतिदिन तकरीबन ₹2000 आता है । शुरू में वन विभाग ने ₹600 प्रति हाथी के हिसाब से दे रहा था लेकिन पिछले कुछ समय से यह भी बंद पड़ा है। ऐसे में हाथियों को पालना महावतों के लिए मुश्किल बनता जा रहा है और इसका असर उनकी मानसिक स्थिति पर भी पड़ रहा है।
राइड शुरू करने की मांग
इन हाथियों को अपने बच्चों की तरह पाल रहे हैं इन महावतों का कहना है कि अब सरकार को एलिफेंट राइड भी शुरू करनी चाहिए जिससे कुछ हद तक हाथियों का खर्चा निकल सकेगा और हाथियों का स्वास्थ्य भी सुधर सकेगा। उनका कहना है कि वह बड़ी मुश्किल से इन हाथियों को पाल रहे हैं क्योंकि महँगाई के चलते इनका खाना भी महंगा होता जा रहा है।