नकल गिरोह को अभ्यर्थियों के चयन होने पर मिलने थे ढाई लाख रुपए
- पाली के गिरोह सरगना ने जयपुर से उदयपुर, पाली व जोधपुर भेजे थे तीन फर्जी अभ्यर्थी
जोधपुर.
लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा में सक्रिय नकल गिरोह ने उदयपुर, भरतपुर और जोधपुर में एक-एक फर्जी परीक्षार्थी बिठाए थे। अभ्यर्थियों का चयन होने पर उन्हें ढाई लाख रुपए मिलने वाले थे। उदयपुर में एक आरोपी के पकड़ में आने के बाद अन्य दोनों आरोपी भी पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
एसओजी सूत्रों के अनुसार पाली जिले में नेहड़ा निवासी दिनेश पुत्र नाथूलाल बिश्नोई गिरोह का मास्टर माइण्ड है। उसके लिए धोरीमन्ना में चैनपुरा निवासी कमलेश बिश्नोई, अशोक खिलेरी व सिणधरी निवासी अचलाराम जाट शुक्रवार को जयपुर में एकत्रित हुए थे। वहां से दिनेश ने कमलेश और कमलेश कुमार को उदयपुर भेज दिया था। जबकि अशोक खिलेरी को भरतपुर व अचलाराम को जोधपुर भेजा गया था। एसओजी व पुलिस ने उदयपुर में हिरणमगरी स्थित जवाहर जैन शिक्षण संस्थान में दबिश देकर कमलेश को गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ में अन्य दोनों फर्जी अभ्यर्थियों का पता लगा। तब भरतपुर में अशोक खिलेरी व जोधपुर अचलाराम जाट को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
इनसे पूछताछ में सामने आया कि पाली में नेहड़ा निवासी दिनेश पुत्र नाथूलाल गिरोह का मास्टर माइण्ड है। उसी ने तीनों को फर्जी अभ्यर्थी के तौर पर भेजा था। बदले में ढाई लाख रुपए मिलने वाले थे। जोधपुर के नागौरी गेट थाना क्षेत्र में गिरफ्त में आए अचलाराम जाट को अभ्यर्थी मोहनलाल का चयन होने पर एक लाख रुपए मिलने वाले थे।
उदयपुर में पकड़े में आए कमलेश बिश्नोई ने दिनेश बिश्नोई के कहने पर गत १६ सितम्बर को बाड़मेर में संजय बिश्नोई के स्थान पर पीटीईटी परीक्षा दी थी। बदले में उसे १२ हजार रुपए दिए गए थे।
कद कम होने से नहीं बन सका था कांस्टेबल
पुलिस का कहना है कि आरोपी अचलाराम का कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में चयन हो गया था, लेकिन कद कम होने से वह शारीरिक दक्षता परीक्षा में फेल हो गया था। वह रेडियोग्राफर का डिप्लोमा कर चुका है। लाइब्रेरियन की डिग्री न होने वह यह परीक्षा नहीं दे सका था। इसलिए उसने फर्जी परीक्षा बन