गाजीपुर के बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी नामों के सहारे नौकरी करना एक फैशन सा बन गया है। कुछ दिन पहले पश्चमी उत्तर प्रदेश में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की अनामिका शुक्ला का मामला जो पूरे प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग को हिला कर रख दिया था कि अभी ये मामला ठंडा भी नहीं हो पाया था कि गाजीपुर में भी ऐसे ही एक मामला सामने आया है। जी हां गाजीपुर के बाराचवर ब्लॉक के एक प्राथमिक विद्यालय में एक शैलजा नाम की शिक्षिका विभा सिंह के नाम पर 2015 से नौकरी कर बेसिक शिक्षा विभाग को चुना लगा रही थी । जिसका खुलासा जिला बेसिक शिक्षाधिकारी श्रवण गुप्ता ने किया। फर्जी शिक्षिका शैलजा बलिया की रहने वाली है। जो विभा सिंह का प्रमाण पत्र लगा कर नौकरी कर रही थी।
बता दें कि मामले का खुलासा तब हुआ जब बेसिक शिक्षा अधिकारी ने ऑनलाइन प्रमाण पत्र की जांच की। जांच के दौरान पता चला कि असली विभा जो ग्राम टांडा अकबरपुर सादात ब्लाक जनपद गाजीपुर के रहने वाली है और मौजूदा समय में वाराणसी में रहती है उन्होंने शिक्षक भर्ती में आवेदन किया था लेकिन मेरिट में नहीं आ पाई थी। फर्जी महिला शिक्षिका शैलजा ने विभा के फोटो कॉपी के प्रमाण पत्र का लाभ उठाते हुए । विभा के हाईस्कूल से लेकर इंटरमीडिएट स्नातक व टेट के सभी शैक्षिक अभिलेखों का फर्जी कॉपी बनवा लिया और खुद फर्जी विभा सिंह बन गई। यही नहीं उसने निवास व जाति प्रमाण पत्र अनुसूचित जाति व आधार कार्ड भी फर्जी नाम से बनवाया और उसी के दम पर शैलजा 2015 में हुई विज्ञान गणित शिक्षक भर्ती में चयनित हो गई ।जिसके बाद फर्जी विभा सिंह उर्फ शैलजा की तैनाती उच्च प्राथमिक विद्यालय ताजपुर बाराचौर में हुई । जहां पर वह नौकरी कर रही थी । बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा जांच करने के बाद पुष्टि होने पर फर्जी विभा सिंह उर्फ शैलजा को नोटिस जारी कर दिया है, और 1 सप्ताह के अंदर कोई जवाब ना मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है। इसके साथ उन्होंने बताया कि विभा का कोई अकेला मामला नहीं है बल्कि ऐसे ही एक दो और मामले है जिसकी जांच चल रही है और कुछ ही दिनों में इसकी रिपोर्ट आ जाने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।