सरकार ने इसी उम्मीद के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी कि 2022 तक प्रत्येक गरीब व पात्र व्यक्ति के रहने के लिए पक्का आशियाना हो, वहीं गरीब भी यहीं उम्मीद लगाए बैठें हैं।
ऐसा ही मामला सुमेरपुर ब्लॉक के चंदपुरवा गांव का है, जहां पर ग्रामीण सुरेश कुमार और दिव्याग मुन्नू आज भी प्रधानमंत्री आवास व शौचालय की मांग कर रहा है प्रधान के पास चार बार फार्म आवेदन करने के बाद भी आज तक आवास व शौचालय नहीं दिया गया है। देखने में समझ में आता है कि कैसे प्रधानमंत्री की महत्वकांक्षी योजनाओ का अधिकारी और प्रधान पलीता लगा रहे हैं। वही दिब्याग मुन्नू जैसे ग्रमीणों को आस है कि उनके कच्चे मकान से उन्हें रहने के लिए सिर पर पक्की छत मिलेगीं। लेकिन सच तो यह हैं कि आज भी गरीब व पात्र व्यक्ति तो योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं वहीं अमीर, प्रभावशाली लोगों सरपंच से लेकर तहसील क्षेत्र के कई प्रभावशालीे लोग शामिल हैं। सभी प्रकार की सुविधाएं इन लोगों के पास होने के बावजूद भी ये बेचारे अब प्रधानमंत्री आवास का लाभ लेने के लिए गरीब बन गए हैं ।मगर गरीब व पात्र व्यक्ति तो अभी भी उक्त योजना में नाम जुड़वाने व लाभ पाने के लिए धक्के ही खा रहें हैं। वहींं प्रधान व अधिकारियों की मिलीभगत से पात्र व गरीब आवास से वंचित है तो इनकी शिकायत होने के बाद भी किसी ने भी ध्यान नहीं दिया।