सहमति के बाद दूसरे दिन उठाया युवा किसान का शव
- धरनास्थल पर तबीयत बिगडऩे से युवा किसान की मृत्यु का मामला
- किसान आंदोलन के आयोजकों पर लापरवाही बरतने से मृत्यु होने की एफआइआर दर्ज
जोधपुर.
बिजली संबंधी विभिन्न मांगों को लेकर माणकलाव में धरना देने के दौरान तबीयत बिगडऩे से युवा किसान की मौत को लेकर चल रहा गतिरोध आखिरकार रविवार को जिला कलक्टर से वार्ता के बाद समाप्त हो गया। विभिन्न मांगों पर राज्य सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजने पर सहमति के बाद मथुरादास माथुर अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम कर शव उठाया जा सका। पुलिस की तरफ से करवड़ थाने में किसान आंदोलन के आयोजकों की तरफ से लापरवाही बरतने से मृत्यु का मामला दर्ज किया गया।
पुलिस के अनुसार माणकलाव में किसानों के धरनास्थल पर तबीयत बिगडऩे के बाद माण्डियाई कला निवासी पुखराज डोगियाल (२२) की एमडीएम अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। उसकी कोविड-१९ जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। आंदोलन कर रहे किसान, परिजन, भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग, भाजपा के पूर्व विधायक भैराराम सियोल ने रिपोर्ट पर संदेह व्यक्त कर एम्स में दुबारा जांच कराने की मांग की थी। तब तक शव न उठाने पर अड़ गए थे। सीएमएचओ डॉ बलवंत मण्डा ने कोविड-१९ जांच दुबारा कराए जाने से साफ इनकार कर दिया था।
इस बीच, भाजपा नेताओं के साथ परिजन व किसान नेता रविवार सुबह फिर से मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए। मांगें मानने के बाद ही शव उठाने पर अड़ गए। पुलिस उपायुक्त (पूर्व) धर्मेन्द्रसिंह यादव व अन्य अधिकारियों ने समझाइश की, लेकिन वे नहीं माने।
दोपहर में विधायक पुखराज गर्ग, पूर्व विधायक भैराराम सियोल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मण्डल कलक्ट्रेट पहुंचा और जिला कलक्टर इन्द्रजीतसिंह को मांगों का ज्ञापन सौंपा। वार्ता के बाद ५ लाख रुपए के आर्थिक मुआवजे पर सैद्धांतिक सहमति बनी। मृतक का शहीद का दर्जा, आश्रित को सरकारी नौकरी व किसान नेताओं पर दर्ज एफआइआर वापस लेने के संबंध में विधिक राय लेकर राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने का निर्णय किया गया। सकारात्मक वार्ता के बाद शव उठाने पर सहमति बनी। वार्ता में भाजपा देहात अध्यक्ष जगराम बिश्नोई, भाजपा नेता अतुल भंसाली, पूर्व प्रधान बाबूसिंह इंदा, आरएलपी के जिलाध्यक्ष राजूराम खोजा व भागीरथ नैण आदि मौजूद थे।
दोपहर बाद मोर्चरी में पोस्टमार्टम कराया गया। परिजन व किसान नेता शव पैतृक गांव ले गए, जहां अंतिम संस्कार किया गया।
तीन किसान नेताओं पर एफआइआर दर्ज
डीसीपी (पूर्व) धर्मेन्द्रसिंह यादव ने बताया कि कोविड-१९ की गाइड लाइन का उल्लंघन कर धरना दिया गया था। दो थानों में एफआइआर भी दर्ज की गई थी। फिर भी किसान नेता नहीं मानें। कोविड-१९ संक्रमित युवक की मृत्यु हो गई। किसान नेता तुलछाराम सींवर, माणकराम परिहार व रामनिवास जांगू के खिलाफ पुलिस की तरफ से करवड़ थाने में लापरवाही बरतने से युवक की मौत होने का मामला दर्ज किया गया।
मिले आर्थिक पैकेज
युवा किसान की मौत के मामले में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका, पुलिस कमिश्नर जोस मोहन, जिला कलक्टर इन्द्रजीतसिंह से मोबाइल पर बात कर विभिन्न मांगों के संबंध में सहमति बनाने का आग्रह किया। पीडि़त प्रतिकर योजना के तहत आर्थिक पैकेज घोषित किया जाए। सीएम को ट्विट कर मृतक आश्रित को बड़े पैकेज की घोषणा कर किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेना चाहिए।
हनुमान बेनीवाल, सांसद नागौर।