मेरठ। सत्ता का नशा भाजपा जनप्रतिनिधियों के सर चढकर कैसे बोल रहा है। यह बताने की जरूरत नहीं है। लखनऊ में सरकार के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पत्रकारों को पत्रकारिता छोड़ राजनीति करने की नसीहत देते हैं तो दूसरी ओर भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल घर आए किसानों से ही उलझ पड़ते हैं। इतना ही नहीं सांसद किसानों से यहां तक कह देते हैं कि अगले चुनाव में जो करना हो कर लेना। जब मेरा समय आएगा तो तुम देख लेना। यह वाक्य उस अनुशासित भाजपा जनप्रतिनिधियों के हैं जो कि शालीनता और अनुशासन के मायने में अपने से ऊपर किसी को नहीं मानती।
शुक्रवार सुबह बड़ी संख्या में किसान पहले चाणक्यपुरी स्थित सांसद निवास पहुंचे। वहां सांसद राजेंद्र अग्रवाल का घेराव किया। पहले तो किसानों को सांसद की कालोनी में घुसने से ही रोक दिया गया। लेकिन जब किसानों ने मिन्नत की तो सांसद ने किसानों से मिलने की हामी भर ली। सांसद गेट के भीतर ही खड़े रहे और किसान बाहर धूप में खड़े होकर सांसद को अपनी समस्याओं से अवगत कराते रहे।
किसानों ने कहा कि उनकी जमीन के बैनामा करने पर एक साल पहले से रोक लगा दी गई थी।
गंगा एक्सप्रेस के लिए उनके खेतों में चिन्ह भी बना दिए गए थे। अब नया एलाइमेंट हाजीपुर से बना दिया गया। यह एलाइनमेंट उन्हें मंजूर नहीं है। इससे क्षेत्र के हजारों किसानों को नुकसान होगा। इस पर सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि उनकी बातों से शासन,प्रशासन को अवगत कराया जाएगा।
जैसे ही किसानों ने सांसद से यह बात कही सांसद अपना आपा खो बैठे। किसानों को भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने खरी—खरी सुनाई और कहा कि जब मेरा समय आएगा तो तुम देख लेना। सांसद ने गेट पर खड़े किसानों को बैरंग लौटा दिया। इतना ही नहीं सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने ताव में आकर यहां तक कह डाला कि अगले चुनाव में किसानों को जो करना है वह कर लें। भाजपा सांसद के इस रवैये को लेकर किसानों में जबरदस्त आक्रोश है। किसानों का आरोप भाजपा सांसद ने किसानों का अपमान किया है। वहीं इस संबंध में जब सांसद राजेन्द्र अग्रवाल से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा। किसानों की समस्या को ऊपरी स्तर पर पहुंचाया जाएगा। समस्या के समाधान का हर संभव प्रयास किया जाएगा।