शिक्षा विभाग के सार्वजनिक निर्माण कार्य में अनियमितता का आरोप

Patrika 2020-08-30

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सिविल इंजीनियर की जगह एग्रीकल्चर इंजीनियर कर रहे निर्माण कार्य का सुपरविजन
प्रदेश शिक्षा विभाग में चल रहे सार्वजनिक निर्माण कार्य में अनियमितता का आरोप लगाते हुए एडवोकेट मनीष शर्मा ने मामले की जांच करवाने की मांग की है। रविवार को आयोजित एक प्रेसवार्ता मेंउनका कहना था कि प्रदेश शिक्षा विभाग में भवन निर्माण, कक्षा कक्ष निर्माण सहित सभी प्रकार के निर्माण कार्य सिविल इंजीनियर्स की देखरेख में होने चाहिए जबकि शिक्षा विभाग में सभी कार्य एग्रीकल्चर इंजीनियर्स के सुपरविजन में हो रहे हैं। सिविल इंजीनियर्स रूप से प्रशिक्षित होते हैं जबकि एग्रीकल्चर इंजीनियर्स को सिविल कंस्ट्रक्शन वर्क का कोई अनुभव नहीं होता इसके बाद भी शिक्षा विभाग के निर्माण कार्यों के सुपरविजन की जिम्मेदारी इन्हें दी गई है। विभाग एेसा कर बच्चों के भविष्य

के साथ खिलवाड़ कर रहा है। स्कूल के भवन कभी भी गिर सकती है। दोनों इंजीनियर्स के कार्य अलग अलग होता है। कृषि विभाग डेपुटेशन पर लगे इंजीनियर्स की डिमांड कर रहा है लेकिन फिर भी उन्हें वापस नहीं भेजा जा रहा। मनीष शर्मा ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने राजस्थान हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी लगाई है।

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