A depiction of the life of Lord Krishna, one of the most popular and widely revered Indian divinities, beginning with the marriage of Devaki and Vasudeva, until he put an end to his evil uncle, Kamsa. Watch the Video of Yashoda Krishna Story In Hindi .
पौराणिक कथा के अनुसार माता यशोदा ने भगवान विष्णु की कठोर तपस्या की थी। जिससे प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें वरदान मांगने के लिए कहा तब माता यशोदा ने कहा कि मेरी इच्छा तब ही पूर्ण होगी जब आप मुझे पुत्र रूप में प्राप्त होंगे। इसके बाद भगवान विष्णु ने कहा कि आने वाले समय में वासुदेव और देवकी मां के घर में जन्म लूंगा। लेकिन मेरा लालन पालन आप ही करेंगी। जैसे-जैसे समय बीतता गया और वैसे ही उनको वरदान के रूप में कृष्ण प्राप्त हुए। भगवान श्री कृष्ण ने देवकी और वासुदेव के यहां आठवीं संतान के रूप में पुत्र का जन्म लिया और इसके बाद वासुदेव उन्हें नदं और यशोदा के यहां छोड़ आए। जिससे उन्हें कंस के क्रोध से बचाया जा सके और उनका लालन पालन अच्छी प्रकार से हो सके। इसके बाद माता यशोदा ने कृष्ण जी का लालन पालन किया। जिसका तुलना भी नहीं की जा सकती है। माता यशोदा के विषय में श्रीमद्भागवत में कहा गया है- 'मुक्तिदाता भगवान से जो कृपाप्रसाद नन्दरानी यशोदा को मिला, वैसा न ब्रह्माजी को, न शंकर को, न उनकी अर्धांगिनी लक्ष्मीजी को कभी प्राप्त हुआ।
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