Raghupati Sahay, better known under his pen name Firaq Gorakhpuri, was a writer, critic, and, according to one commentator, one of the most noted contemporary Urdu poets from India. He established himself among peers including Muhammad Iqbal, Yagana Changezi, Jigar Moradabadi and Josh Malihabadi.
'आने वाली नस्लें तुम पर फख्र करेंगी हम-असरों, जब भी उनको ध्यान आएगा तुमने फिराक को देखा है।' मशहूर शायर रघुपति सहाय उर्फ फिराक गोरखपुरी की कलम से लिखीं ये पंक्तियां आज काफी कुछ हकीकत सी बयां करती हैं। उर्दू अदब की दुनिया में जिन नामों ने गोरखपुर को राष्ट्रीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई, उनमें फिराक साहब का नाम सबसे पहले और पूरे अदब के साथ लिया जाता है। संघर्षों को लेकर लिखी उनकी ये पंक्ति आज भी हर जुबां पर बरबस आ जाती है 'मन के हारे हार है, मन के जीते जीत'
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