सबकुछ ठीकठाक फिर भी पुलिस काट रही वाहनों का चालान

Patrika 2020-08-28

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कोरोना संकट काल में लोगों का रोजगार छिन गया है। लोग रोटी के मोहताज है, किसान से लेकर कारोबारी तक की आर्थिक स्थित डमाडोल है लोग कर्ज में डूबते जा रहे हैं लेकिन कोरोना प्रोटोकाल के नाम पर पुलिस के उत्पीड़न का खेल लगातार जारी है। अभी दो दिन पूर्व आटो चालकों ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर पुलिस पर अवैध वसूली का आरोप लगाया था तो नंदाव बाजार का मामला सामने आया है जहां पुलिस उत्पीड़न से परेशान होकर लोगों ने दारोगा को घेर लिया और तब तक नहीं छोड़ा जब तक थानेदार ने मौके पर पहुंच कर लोगों की बात नहीं सुनी। यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है। पुलिस का दावा है कि प्रतिदिन प्रति दारोगा 20 चालान का टार्गेट है अगर वह चालान न करें तो क्या करें।
बात दें कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को देखते हुए जिला प्रशासन ने प्रोटोकाल का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया है। सभी चैराहों तिराहों पर पुलिस तैनात की गयी है। इन्हें बिना हेलमेट, मास्क, लाइसेंस के चलने वाले लोगों के चालान का निर्देश दिया गया है। सख्ती कि बाद आदमी सतर्क हो गया है। वह नियम की अनदेखी से बच रहा है।
अब हालत यह है कि पुलिस घर के सामने खड़े वाहन तक की चालान कर दे रही है। अभी हाल में एक मामला सरायमीर थाना क्षेत्र के सिकरौर में देखने को मिला। अमरेंद्र सिंह की कार उनके मकान के सामने खड़ी थी। वाहन के सारे अभिलेख ठीक है। कार में कोई नहीं था लेकिन सीट बेल्ट में उसकी तीन हजार की चालान काट दी गयी। उनकी बाइक के साथ भी ऐसा हुआ। ऐसा हर चट्टी चैराहे पर हो रहा है। बुधवार की शाम चार बजे नंदाव बाजार में श्याम यादव दारोगा ने तो हद कर दी। एक किसान गेंहू बेंचकर दवा लेने जा रहा था। उसके वाहन की चालान काट दी गयी। कई वाहन सड़क किनारे खड़े थे उनकी भी चलान हो गयी। इससे नाराज होकर बाजार के लोग दारोगा को घेर लिए। विवाद इतना बढ़ गया कि लोग दारोगा को तब तक वहां से न जाने देने की जिद पर अड़ गए जबतक एसपी न आये। बहरहाल थानाध्यक्ष सरायमीर अनिल सिंह ने किसी तरह हालात पर काबू पाया।
इसके पूर्व आटो चालक डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर आरोप लगा चुके हैं कि पुलिस आटो चालकों से मनमानी कर रही है और बेवजह उनका चालान काटा जा रहा है। सब मिलाकर हालात बदतर हो गए है। पुलिस की मनमानी के कारण कभी भी जिले का माहौल खराब हो सकता है। खासबात है कि इस मुद्दे पर कोई अधिकारी बात करने के लिए तैयार नहीं है। एक दारोगा ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि उन्हें प्रतिदिन 20 चालान का टार्गेट मिला है। अगर टार्गेट न पूरा हो तो विभाग से फटकार मिलती है और टार्गेट पूरा करों तो आम आदमी से दुश्मनी लेनी पड़ रही है।

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