एडीजी की जांच में मंझनपुर कोतवाल लाइन हाजिर, 4 पुलिसकर्मी निलंबित
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कौशांबी। जिले में कोरोना काल में पुलिस थाना व दफ्तरों में लापरवाही उजागर हुई है। यह लापरवाही प्रयागराज जोन के एडीजी प्रेम प्रकाश के आकस्मिक निरीक्षण में ही देखने को मिली। दरअसल एडीजी अपने एक दिवसीय दौरे में बुधवार की आधी रात को कौशांबी आए थे। रात्रि विश्राम के बाद वह बृहस्पतिवार को आकस्मिक निरीक्षण पर निकले। सबसे पहले उन्होंने एसपी ऑफिस का निरीक्षण किया था। वहां पर आकॉउंटेंट कार्यालय की व्यवस्था ठीक नहीं मिली। अकाउंट से सम्बंधित अभिलेखों का सही तरीके से रखरखाव नहीं किया गया था। जिस पर उन्होंने अकॉउंटेंट मनोज कुमार श्रीवास्तव को भी सस्पेंड कर दिया। एसपी दफ्तर परिसर में एक स्कूटी व एक मोटरसाइकिल बिना नंबर की गाड़ी देखकर उन्होंने पड़ताल की तो वह पुलिस कर्मियों के निकली। जिसके बाद उन्होंने बिना नंबर की दोनों गाड़ियों को सीज करा दिया। इसके बाद एडीजी प्रेम प्रकाश मंझनपुर कोतवाली पहुंचे। जहां उन्होंने सबसे पहले कोविड हेल्प डेस्क में तैनात सिपाहियों से जांच उपकरण के बारे में पूछा। महिला सिपाही को थर्मल स्कैनिग व पल्स ऑक्सिमिटर चलाना नहीं आ रहा था। कोरोना काल मे इस लापरवाही देख एडीजी काफी नाराज हुए। उन्होंने मंझनपुर कोतवाल मनीष कुमार पांडेय को लाइन हाजिर कर दिया। कोतवाली के दफ्तर में शिकायती पत्रों के निस्तारण के बारे में जानकारी की तो पता चला कि एसपी ऑफिस से सभी पत्र समय से मंझनपुर कोतवाली को भेज दिया जाता है। बावजूद इसके संबंधित सब इंस्पेक्टर उसका समय से निस्तारण नहीं करते।लंबित मामलों की जांच में लापरवाही बरतने पर एडीजी ने टेवा चौकी प्रभारी इन्द्रकांत यादव, मंझनपुर कोतवाली के सब इंस्पेक्टर अरुण कुमार मौर्या समेत रजिस्टर का सही ढंग से रखरखाव न करने पर हेड कांस्टेबल क्लर्क सुभाष चंद्र को निलंबित कर दिया। जिले में एडीजी प्रेम प्रकाश ने पहली दफा एक साथ बड़ी कार्रवाई की है। उनकी इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप का माहौल है।