शायद इस बार भी संस्कृत शिक्षकों को नही मिल पाएगा सम्मान

Patrika 2020-08-27

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विभाग ने किया ग्रेड वार कोटा समाप्त
आवेदन के लिए लागू की ऑनलाइन व्यवस्था
सामान्य शिक्षा के साथ ही शामिल की संस्कृत शिक्षा

हर साल की तरह इस साल भी शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का सम्मान किया जाएगा लेकिन इस बार संस्कृत शिक्षा विभाग के शिक्षकों को शायद सम्मान नहीं मिल पाए। वजह है राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में आवेदन की प्रक्रिया में बदलाव और ग्रेड वार कोटा समाप्त करना। जिसके चलते गत वर्ष सिर्फ दो ही शिक्षकों को राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान मिल पाया।

यह है मामला
आपको बता दें कि हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर राज्य स्तर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है। इसमें सामान्य शिक्षा विभाग की ओर से हर साल कार्यक्रम का भी आयोजन होता है। इसमें संस्कृत शिक्षा विभाग के शिक्षकों का भी ग्रेड वार कोटा (प्रधानाचार्य, प्रथम श्रेणी, प्रधानाध्यापक, द्वितीय श्रेणी, तृतीय श्रेणी) निर्धारित किया हुआ था उसी के तहत संस्कृत शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों का चयन कर चयनित शिक्षकों की सूची निदेशालय संस्कृत शिक्षा की ओर से निदेशालय माध्यमिक शिक्षा विभाग बीकानेर को भेजी जाती थी। इस प्रक्रिया के तहत अधिकतम संस्कृत शिक्षा के अधिकतम 15 शिक्षकों का चयन होता था।
अब यह हो रही परेशानी
जानकारी के मुताबिक गत वर्ष राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह प्रक्रिया में आवेदन के लिए ऑनलाइन प्रणाली लागू की गई जिसमें सामान्य शिक्षा विभाग के साथ ही संस्कृत शिक्षा को सम्मिलित कर लिया गया और पृथक से कोटा समाप्त कर दिया गया। जिसके कारण संस्कृत शिक्षा विभाग के निर्धारित अनुपात में योग्य शिक्षकों का चयन नहीं हो पा रहा और संस्कृत शिक्षा विभाग के शिक्षक सम्मान से वंचित हो रहे हैं। इस वर्ष भी यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है। ऐसा होने से गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी संस्कृत शिक्षा के शिक्षकों को विभागीय कोटे का लाभ नहीं मिल सकेगा। वह भी उस स्थिति में जबकि संस्कृत शिक्षा विभाग अलग से स्थापित है, जिसके मंत्री, सचिव और निदेशालय अलग से संचालित है। गत वर्ष भी मात्र 2 ही शिक्षक राज्य स्तर पर चयनित हो पाए थे और संभव है कि इस बार एक भी ना हो क्योंकि सामान्य शिक्षा की तुलना में संस्कृत शिक्षा विभागीय शिक्षकों के प्रदर्शन को प्राथमिकता नहीं देकर सामान्य शिक्षा विभाग द्वारा संस्कृत शिक्षा के शिक्षकों को पीछे रख दिया जाता है। इसी कारण पूर्व में संस्कृत शिक्षा विभाग को अलग से कोटा दिया गया था।
अनुमानित कोटे के मुताबिक चयन की मांग
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ (एकीकृत) और राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (लोकतांत्रिक) ने इस संबंध में संस्कृत शिक्षामंत्री को ज्ञापन दिया है। महासंघ के प्रदेश महामंत्री जगेश्वर शर्मा ने संस्कृत शिक्षा विभाग के शिक्षकों को पूर्व की तरह विभागीय निर्धारित कोटे के अनुसार राज्य स्तर पर चयनित करवाने, संभाग और जिला स्तर पर भी संस्कृत शिक्षकों को अनुपातिक कोटे के अनुसार चयन करवाने की मांग की है। इसी प्रकार राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (लोकतांत्रिक) ने भी इस संबंध में संस्कृत शिक्षामंत्री को पत्र लिखा है। महासंघ के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष बनवारी शर्मा ने पत्र के माध्यम से संस्कृत शिक्षकों को अनुपातिक कोटे के अनुसार चयन करवाने की मांग की है।

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