प्रकाशक ने स्वीकार कर ली थी तो छापने से मना करना नहीं चाहिए : विभूति नारायण मिश्रा

NewsNation 2020-08-25

Views 1

सेक्युलरों के दबाव में दिल्ली दंगों पर किताब क्यों रुकी? दिल्ली दंगे की किताब आने से कौन डरा? किताब से अभिव्यक्ति की आज़ादी को कैसे खतरा? ब्लूम्सबरी इंडिया को किताब छापने से किसने रोका? 'शाहीनबाग' को चमकाएंगे, दंगे की किताब पर रोक लगाएंगे? इस मुद्दे पर यूपी के पूर्व डीजीपी विभूति नरायण मिश्रा ने कहा, प्रकाशक को किताब छापनी चाहिए. एक तो लेखक को किताब जब प्रकाशक ने स्वीकार कर ली थी तो छापने से मना करना नहीं चाहिए था. सबसे बुरी बात है कि इस किताब को रोका गया, लेकिन ये किताब तो एक हेड कांस्टेबल के रिसर्च जैसी है.
#दिल्ली_दंगों_का_सच #DeshKiBahas #Delhiriot

Share This Video


Download

  
Report form
RELATED VIDEOS