कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में मची उथल-पुथल पर विराम लग गया है। फिलहाल सोनिया गांधी ही पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। हालांकि यह भी तय हुआ है कि पार्टी का नया अध्यक्ष चुना जाएगा। इस संबंध में फैसला कांग्रेस कमेटी की अगली बैठक में लिया जाएगा। इस बीच, गुलाम नबी आजाद के सुर भी नरम पड़ गए हैं। इससे पहले मची उठापटक में कांग्रेस का एक धड़ा चाहता था कि सोनिया गांधी अध्यक्ष बनी रहें, वहीं दूसरा पार्टी के शीर्ष पद पर राहुल गांधी को देखना चाहता था।
आंध्रप्रदेश कांग्रेस कमेटी (APCC) ने सोनिया गांधी से अनुरोध किया था कि वे अध्यक्ष पद पर बनी रहें, क्योंकि कांग्रेस में सशक्त नेतृत्व करने वाला कोई अन्य नेता नहीं है।
APCC अध्यक्ष साके शैलजानाथ ने कहा था कि यदि आपने (सोनिया गांधी) पद छोड़ने का मन बना ही लिया है तो मुझे लगता है कि राहुल गांधीजी को आगे आकर यह जिम्मेदारी संभालनी चाहिए।
दूसरी ओर, पुडुचेरी के लोक निर्माण विभाग मंत्री और प्रदेश कांग्रेस इकाई के पूर्व अध्यक्ष ए. नमश्शिवायम ने सोमवार को राहुल गांधी से कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने की अपील की।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर बने रहना चाहिए।
विपक्षी दल भाजपा ने कहा- कांग्रेस में कोई भी नेता कितनी भी मेहनत कर ले, उसका कुछ नहीं हो सकता, क्योंकि वहां सब कुछ तय ‘स्क्रिप्ट’ के मुताबिक ही होता है।
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस में नेतृत्व के लिए वैसे तो कई योग्य उम्मीदवार हैं।
उन्होंने कहा- असल में कांग्रेस ऐसा स्कूल है जहां विद्यार्थी चाहे जितनी मेहनत कर लें, लेकिन फर्स्ट तो हेडमास्टर का बेटा ही आएगा।