मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, धर्म की अपनी स्वीकार्यता है. इस्लाम किसी को थोपता नही है. इस्लाम धर्म में मूर्ति पूजा की इजाजत नहीं है इसलिए हम इसे रोकते हैं. जिस तरह से आप लोग रथयात्रा को लेकर गए थे, बाबरी मस्जिद तोड़ने गए थे, वहां भी मैं उसके विरोध में था. मैं अपने बयानों पर आज भी कायम हूं. मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा.