क्या कलयुग का अंत होने वाला है ?

PRATEEKPATEL 2020-08-17

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एक प्रश्न के जवाब में मितेया कलयुग का रहस्य समझते हुए कहते है कि विश्व की कोई भी पुरातत्व संस्था सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग आदि के सबूत नहीं ढूंढ पायी है। और यह आश्चर्यजनक है कि दुनिया की सभी सभ्यताए इस प्रकार की धारणा पर विश्वास करती है। गैर सनातनी इसे गोल्डन एज, सिल्वर एज, कॉपर एज और आयरन एज के रूप में देखते है।

मितेया कहते है समय कई प्रकार के होते है और इनमे से एक व्यक्ति का "जैविक समय" होता है। हर व्यक्ति अपनी माँ की कोख में रहता है, फिर उसका लालन पालन उसके माँ बाप करते है, फिर वह दोस्तों के साथ खेल कूद करता है और फिर वह व्यस्क हो जाता है। व्यस्क होने के बाद उसे जीवन कठिन प्रतीत होने लगता है। सभी लोगो के इसी प्रकार की यादे दरअसल युगो के रूप में याद रह जाती है।

मितेया कहते है कि कलियुग "कली" का युग है जिसमे लोग अपनी प्रतिभा को समझ नहीं पाते और कली के रूप में ही रह जाते है। यदि इन कलियों को पुष्प बनने का रहश्य पता चल जाए तो कलियों का युग समाप्त हो जाएगा और पुष्पों का युग आ जाएगा। इस बात को समझाते हुए मितेया पदमसम्भवा बुद्ध का जिक्र करते है और बताते है कि पद्म का मतलब कमल का पुष्प होता है और संभव का अर्थ संभावना होती है। व्यक्ति यदि कली के रूप में रह जाएगा तो वह हमेशा दुखी रहेगा।

मितेया कल्कि का अर्थ समझाते हुए कहते है कि कल्कि दो शब्दों से बनता है जिसमे एक शब्द कल है और दूसरा शब्द किंवदंती है। यदि आने वाला कल और गुजरा हुआ कल किंवदंती बन जाए तो कल्कि का अवतार हो जाता है। मितेया आगे कहते है कि कलयुग कि समाप्ति के बारे में दो धारणाये है। सप्तऋषि के अनुसार कलयुग ख़तम होने को है और अन्य लोगो के अनुसार कलयुग चार लाख साल और चलेगा। ये दोनों धारणाये सत्य है। आशावादी के लिए कलयुग ख़त्म होने को है और निराशावादी के लिए कलयुग का अंत अभी बहुत दूर है।

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