Independence Day 2020: जब आजादी के मतवालों ने अंग्रेजों का लूटा था खजाना | वनइंडिया हिंदी

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The Kakori Conspiracy (or Kakori train robbery or Kakori Case) was a train robbery that took place between Kakori and, near Lucknow, on 9 August 1925 during the Indian Independence Movement against the British Indian Government. The robbery was organised by Hindustan Republican Association (HRA). Since the organisation needed money for purchase of weaponry, Bismil and his party decided to plunder a train on one of the Northern Railway lines.[1] The robbery plan was executed by Ram Prasad Bismil, Ashfaqulla Khan, Rajendra Lahiri.

आजादी की लड़ाई में हमारे देश के क्रांतिकारियों को इस बात का अहसास हो गया था कि ब्रिटिश सरकार से आजादी चाहिए तो उन्हें ताकत का इस्तेमाल करना होगा और विनम्र बने रहने से काम नहीं बनेगा। सशस्त्र लड़ाई के लिए उन्हें हथियार वगैरह की जरूरत थी जिसके लिए पैसे भी काफी चाहिए थे। ऐसे में 8 अगस्त 1925 को राम प्रसाद 'बिस्मिल' के घर पर हुई एक इमर्जेन्सी मीटिंग में अंग्रेजी सरकार का खजाना लूटने की एक धमाकेदार योजना बनायी गयी। 9 अगस्त 1925 को इस योजनानुसार दल के ही एक प्रमुख सदस्य राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी ने लखनऊ जिले के काकोरी रेलवे स्टेशन से छूटी 'आठ डाउन सहारनपुर-लखनऊ पैसेन्जर ट्रेन' को चेन खींच कर रोका।पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में अशफाक उल्ला खां, चन्द्रशेखर आज़ाद और 6 अन्य सहयोगियों ने पूरी ट्रेन पर धावा बोलते हुए सरकारी खजाना लूट लिया।

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