अयोध्या. रामनगरी में दो-दो अयोध्या होगीं। एक इक्ष्वाकु पुरी दूसरी पुरानी अयोध्या। यूपी सरकार ने 600 एकड़ भूमि पर नई टाउनशिप का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसके साथ ही पुरानी अयोध्या का तेजी से कायाकल्प किया जा रहा है। अयोध्या में पर्यटन की असीम संभावनाओं के मद्देनजर इसे धार्मिक नगरी के साथ-साथ अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस मार्डन सिटी बनाने की योजना है। ताकि यहां धर्म के साथ आधुनिकता संगम भी दिखे। श्रद्धालु आएं तो दिल से कहें राम-राम और बोलें वाह अयोध्या। इनमें से कई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इनका लोकापर्ण तो कुछ का शिलान्यास 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं।
मार्डन सिटी इक्ष्वाकु पुरी
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मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम के गति पकड़ते ही अयोध्या के विकास की रफ्तार भी तेज हो गयी है। उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद ने लखनऊ-गोरखपुर राजमार्ग पर लगभग 600 एकड़ भूमि पर नई टाउनशिप का प्रस्ताव सरकार को भेजा है। नई टाउनशिप का केंद्र ग्राम शहनेवाजपुर होगा। इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इसे धार्मिक सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। नयी अयोध्या की सड़कें चौड़ी होंगी, मल्टीलेवल कार पार्किंग होगी, बड़ा बस अड्डा होगा, जल निकासी व सीवरेज की बेहतर सुविधाएं होंगी।
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संवर रहा पुराना शहर
नये शहर की परिकल्पना के साथ ही पुरानी अयोध्या भी संवर रही है। घाट जगमगा रहे हैं। रामलीला मंचन के लिए पार्क व सांस्कृतिक मंच बनकर तैयार है। रामलला का शहर मंदिरों के साथ कुंडों का भी शहर है। यहां के तमाम कुंड बुरी हालात में हैं। इनमें नौ कुंडों-सूर्य कुंड, भरतकुंड, हनुमान कुंड, स्वर्ण खनि कुंड, सीता कुंड, अग्नि कुंड, खुर्ज कुंड, गणेश कुंड और दशरथ कुंड के पुनरुद्धार और सुन्दरीकरण का काम तेजी से चल रहा है।