बारिश के महीने में घूम रही है कुम्हारों की चाक

Patrika 2020-08-01

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अयोध्या. ऐसा पहली बार है कि बारिश के महीने में कुम्हारों की चाक घूम रही है। बरामदे और छप्परों के नीचे मिट्टी के लिए और कलश सूख रहे हैं। श्रीराम मंदिर निर्माण की वजह से मिट्टी के बर्तन और दीपक बनाने वालों को खूब काम मिला है। पांच अगस्त को अयोध्या में उत्सव का माहौल होगा। पूरी अयोध्या में दीपोत्सव मनेगा। इसके लिए कुम्हार दीपक बनाने में जुटे हैं।
अयोध्या को भव्यता के साथ सजाने के अलावा हर मंदिर और घर-आंगन में बड़ी संख्या में दीप जलाए जाएंगे। इसके लिए बड़ी संख्या में कुम्हार दीया बना रहे हैं। अयोध्या के रहने वाले लोग कुम्हारों से बड़ी संख्या में अन्य जिलों के लोग भी दीया ले जा रहे हैं। अवध विश्वविद्यालय ने अयोध्या के 50 से अधिक मठ मंदिरों में 3 लाख दीप जलाने की जिम्मेदारी ली है। इसलिए विवि की तरफ से बड़ी संख्या में दीपक बनाने का आर्डर कुम्हारों को मिला हुआ है। ऐसे में बारिश के मौसम में पहली बार कुम्हारों की चाक घूम रही है। उन्हें रोजगार का बड़ा अवसर मिला है। इससे कुम्हारों की प्रसन्नता बढ़ गयी है। राम आसरे प्रजापति का कहना है कि दीपोत्सव के आयोजन ने उनकी लॉकडाउन की वजह से बंद हो गयी कमाई की भरपाई कर दी है। इनका परिवार बड़ी संख्या में दीप बना रहा है। यह कहते हैं कि हमें खुशी है कि हमारे बनाए दीए से भगवान की चौखट रोशन होगी।
अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मनोज दीक्षित के मुताबिक अयोध्या में रंगोली बनाए जाने के साथ दर्जनों मंदिरों में दीप जलाए जाएंगे। इसके लिए छात्र छात्राओं की ड्यूटी अयोध्या के मठ मंदिरों में लगायी गयी है। पूरी अयोध्या में रंगोली बनाने की पहल भी विश्वविद्यालय की छात्राओं की तरफ से की जा रही है। यहां के मठ मंदिरों में तीन लाख से ज्यादा दीए जलाए जाने की योजना है। इससे कुम्हारों को भी काम मिला हुआ है।

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