अयोध्या. 15वीं सदी में तुलसीदास ने रामचरितमानस में सात कांडों में अयोध्या और भगवान राम के चरित का बखान किया था। अब 21वीं सदी में अयोध्या में भव्य राम मंदिर के साथ ही एक और नया अध्याय जुडऩे वाला है। वह है अयोध्या का 'विकास कांड'। राम के पूर्वजों ने जिस इक्ष्वाकु पुरी को अयोध्या में बसाया था, ठीक वैसी ही इक्ष्वाकु पुरी एक बार फिर से बसाने तैयारी है। दुनिया के सबसे भव्यतम मंदिर के साथ ही अयोध्या में सर्वसुविधा संपन्न शहर की परिकल्पना पर काम चल रहा है। शहर के विकास के लिए योजनाओं की लंबी फेहरिस्त है। फिलहाल, 17184 करोड़ की परियोजनाओं का ब्लूपिं्रट तैयार है। थोड़ा इंतजार...। और जब आप कभी अयोध्या आएंगे तब मन राम में और शरीर अयोध्या में रम जाएगा। आइए जानते हैं जब पूरी होंगी परियोजनाएं तब कैसे दमकेगी राम की अयोध्या।
अयोध्या का सौंदर्य अद्भुत है। हर गली में मंदिर से भजन-कीर्तन और घंटें-घडिय़ाल की आवाज गंूजती है। सर्वधर्म समभाव का केंद्र है रामनगरी। यही अयोध्या अब नयी करवट ले रही है। उप्र सरकार ने अयोध्या के कायाकल्प के लिए छह प्रमुख योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। यह हैं- विश्व की सबसे बड़ी 251 मीटर ऊंची श्रीराम की प्रतिमा, श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट, अयोध्या से कोलकाता तक क्रूज, अयोध्या के चारों तरफ रिंग रोड, अयोध्या रेलवे स्टेशन का विस्तारीकरण, 84 कोस परिक्रमा मार्ग का फोरलेन निर्माण और नव्य अयोध्या। राममंदिर निर्माण के साथ ही इन सभी प्रोजेक्ट को पूरा किया जाना है। इसी के साथ ही पुराने शहर की जरूरतें भी संवारी जा रही हैं। अयोध्या देश का ऐसा पहला शहर है जहां एक साथ हजारों करोड़ की विकास योजनाओं पर काम हो रहा है।
500 करोड़ की विशालकाय प्रतिमा
रामनगरी में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की विशालकाय प्रतिमा लगायी जा रही है। सरकार की योजना है वर्ष 2022 तक मूर्ति स्थापित हो जाए। इसके लिए 500 करोड़ रुपए का बजट दिया जा चुका है।