आजाद को जनेऊधारी कहने पर क्यों चिढ़े वामपंथी? क्या आजाद को जनेऊधारी कहना सही है? इस मुद्दे पर राजनीतिक विश्लेषक शुभ्रस्था ने कहा, मैं कानपुर की हूं. बिहार की बेटी हूं और मैंने भी अंतरजातीय विवाह किया है. जब हमारे यहां शादियां होती हैं तो बिना पंसारी, बिना बढ़ई और बिना ब्राह्मण के नहीं की जाती हैं. मध्य प्रदेश में क्या राजनीति हुई, किस तरह से वहां पर उद्वेलित ब्राह्मण समाज को निजात मिला, ये मैं जानती हूं. जो लोग ब्राह्मणों के खिलाफ ऐसी विचारधारा रखते हैं, उन्हें पैनल से तो क्या देश से ही निकाल देना चाहिए.
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