बारिश और सरयू नदी की बाढ़ के पानी ने एक बार फिर तराई क्षेत्र के ग्रामीणों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। किसानों के लिए तो बारिश का पानी वरदान है लेकिन बाढ़ क्षेत्र के निवासियों के लिए परेशानी का सबब। बारिश के चलते नदी में दोबारा पानी बढ़ रहा है। वहीं बाढ़ ग्रस्त इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों के अंदर जिलाप्रशासन को लेकर काफी गुस्सा है। उनका कहना है कि डीएम-एसडीएम समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी यहां सिर्फ पिकनिक मनाने आते हैं। हम लोगों के बीच आकर हमारी समस्याएं नहीं जानते। सरकार भी हमारी कोई मदद नहीं कर रही है और अब हम सरकार के सामने मदद के लिए हाथ भी नहीं फैलाएंगे।
सरयू नदी का जलस्तर दोबारा बढ़ने से बाराबंकी में सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के टेपरा, सनावा, सराय सुर्जन, भवरीकोल, नैपुरा, परसावल, बेहटा, रामसनेहीघाट क्षेत्र के ढेमा, बांसगांव, कमियार, रामनगर क्षेत्र के तपेसिपाह, कोरिनपुवरवा, जैनपुरवा, मड्ना, कचनापुर, हेतमापुर, सुंदरनगर आदि गांवों में पानी भर गया है। इन गांवों के आसपास के गांवों के रास्ते व खेत-खलिहान भी पानी से लबालब हैं।
तहसील क्षेत्र सिरौलीगौसपुर के टेपरा और सराय सुर्जन के बीच गांव नांव के सहारे सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे अखबाल सिंह ने बताया कि इस इलाके में बाढ़ दूसरी बार आई है। लेकिन पानी पहली बार से ज्यादा बढ़ गया है। सरयू में पानी बढ़ने से ग्रामीण काफी परेशान हैं। उनका कहना है कि प्रशासन की तरफ से उन लोगों को कोई मदद नहीं नहीं मिल रही। फसलें पूरी तरह से डूब चुकी हैं। हमारे घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। जानवरों का चारा भी भीग चुका है, जिसके चलते मुसीबत और ज्यादा बढ़ गई है। अब हम लोगों के सामने बांध ही एक एक सहारा रह गया है। हम लोग वहीं अपनी जाकर अपनी जान बचाएंगे।