जयपुर। नागपंचमी का त्योहार श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को आज मनाया जा रहा है। श्रदृधालुओं ने नाग देवता की पूजा कर सुख—शांति की कामना की। सिंधी समाज की महिलाओं ने इस बार लॉकडाउन के चलते घरों में ही गाय के गोबर से नाग नागिन की प्रतिरूप आकृति बना कर पूजा की और उन्हें ठंडे पकवानों का भोग लगाया। कई जगहों पर गोबर उपलब्ध नहीं होने पर आटे से बने नाग—नागिन की पूजा की गई। सिंधी समाज की महिलाओं ने भगवान शंकर से अच्छी बारिश की कामना के साथ अपने परिवार की कुशलता की मंगल कामना कर, पल्लव प्रार्थना की। इस दौरान घरों में उत्सवी माहौल नजर आया। गौरतलब है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा प्रधान रूप से की जाती है। भगवान शिव के गले में जो नाग रहता है उसका नाम वासुकि है। राजस्थान में यह पर्व श्रावण कृष्ण पंचमी को एवं बंगाल में श्रावण शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की आराधना करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। धन-समृद्धि पाने के लिए भी नाग देवताओं की पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार ऐसा माना जाता है कि नाग देवता, धन की देवी मां लक्ष्मी की रक्षा करते हैं। इस दिन श्रीया, नाग और ब्रह्म अर्थात शिवलिंग स्वरुप की आराधना से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।
नागपंचमी व्रत : नाग पंचमी के व्रत करने के लिए चतुर्थी के दिन एक बार भोजन करें तथा पंचमी के दिन उपवास करके शाम को व्रत खोलें।