कोरोना महामारी से शहर और जिला चपेट में आ गया है। लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने से प्रशासन चिंतित है लेकिन शहर की जनता इसको लेकर अभी भी सजग नहीं है।लगभग 4 महीने से डॉक्टरों, प्रशासन और पुलिस की टीम कोरोना योद्धाओं के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अपनी खुद की जान की फिक्र किए बगैर लोगों की जान बचाने में अपने परिवार तक को खुद से दूर कर दिया है। कोरोना योद्धाओं का उद्देश्य है कि परिवार से दूर रहकर भी लोगों की सेवा कर इस वैश्विक महामारी से निजात दिला सके लेकिन कुछ अनभिज्ञ और नासमझ लोगों के कारण इन योद्धाओं के मन को आगात लग रही है और खुद को समर्पित करने के बाद आम लोगों के इस तरह के दूर व्यवहार से कोरोना योद्धाओं को पीड़ा होने लगी है। दरअसल बावड़िया के पटेल नगर में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिला था। जिसको लेने के लिए रैपिड रिस्पांस टीम मंगलवार को पहुंची थी। इस दौरान कोरोना संक्रमित मरीज की पत्नी और बेटी ने टीम के साथ अभद्रता की थी। बड़ी मशक्कत के बाद मरीज को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया था। बुधवार को फिर नायब तहसीलदार पूनम तोमर और रैपिड रिस्पांस टीम मरीज के परिजनों को लेने के लिए पहुंची। जिस पर महिला और उसकी बेटी ने नायब तहसीलदार पूनम तोमर और टीम के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और बदतमीजी कर अभद्र व्यवहार किया। अभद्र व्यवहार करने को लेकर तत्काल टीम ने पुलिस को सूचना दी।