अपने हुनर के दम पर महिलाओं ने ली घर चलाने की जिम्मेदारी

Patrika 2020-07-15

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jaipur कोरोना महामारी के चलते लोग बेरोजगार हो चुके हैं। मजदूर वर्ग ही नहीं, मध्यम वर्ग भी इस बेरोजगारी की चपेट में हैं। ऐसे में अब हाथ के हुनर पर कुछ घरों का रोजगार टिका है। इस बार यह जिम्मेदारी महिलाओं ने ली है। अपने परिवार के लिए रोजगार जुटाने के लिए जो महिलाएं प​ढ़ी—लिखी नहीं हैं, वे भी अपनी प्रतिभा को निखार रही हैं और उसी की बदौलत कमाने भी लगी हैं। जयपुर शहर में ऐसे कितने ही घर हैं, जो इन दिनों महिलाओं के हुनर से चल रहे हैं। कोरोना की मुश्किलों में इनके हाथ का हुनर इनके बच्चों के लिए निवाला बन गया है।

कई संस्थाएं आई सामने
ऐसे मुश्किल समय में महिलाओं को सशक्त बनाने का काम कई संस्थाएं कर रही हैं। जो स्किल डवलपमेंट पर काम कर महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही हैं। हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन की ओर से जयपुर शहर में 22 सिलाई सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। जिनमें करीब साढे चार हजार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया गया है।

महिलाओं को मिली सिलाई मशीनें
संस्था की ओर से 150 गरीब महिलाओं को सिलाई मशीनें भी डोनेट की गई हैं, ताकि वे अपना और परिवार का खर्च उठा सकें। ये महिलाएं सिलाई कर अपनी रोजी रोटी चला रही हैं। इन महिलाओं का कहना है कि इस तरह की मदद से उनके जीवन भर का रोजगार जुड़ गया। करबला स्थित सेंटर पर सिलाई सिखा रही शरीफ साजिद कहती हैं कि इस सेंटर पर अभी 600 महिलाएं और बच्चियां सिलाई सीख रही हैं, ताकि कोरोना की वजह से परिवार का जो रोजगार छिन गया है, उसकी भरपाई कर सकें। इस तरह वे उम्रभर अपना काम करते हुए कमा सकती हैं। भट्टा बस्ती स्थित सेंटर की सलमा बताती हैं कि अभी यहां से 250 महिलाएं सिलाई सीखने के बाद अपना काम कर कमाने लगी हैं। महामारी के समय उनका हुनर सहारा बन रहा है। उन्हें जरूरी चीजें सेंटर की ओर से मुहैया करवा दी जाती हैं।

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