ॐ सृष्टि की मूल ध्वनि है। सद्गुरु ॐ मंत्र का विज्ञान बताते हुए कहते हैं कि यह तीन मूल ध्वनियों - आ, ऊ, और म से मिलकर बना है। इसका अनुभव हर आत्मज्ञानी महापुरुष को हुआ है। आमेन और अमीन भी वास्तव में ॐ ही है, लेकिन स्थानीय भाषा और संस्कृति के प्रभाव के कारण इसमे थोड़ी विकृति आ गई है।
एक योगी, युगदृष्टा, मानवतावादी सद्गुरु, एक आधुनिक गुरु हैं, जिनको योग के प्राचीन विज्ञान पर पूर्ण अधिकार है। विश्व शांति और खुशहाली की दिशा में निरंतर काम कर रहे सद्गुरु के रूपांतरणकारी कार्यक्रमों से दुनिया के करोडों लोगों को एक नई दिशा मिली है। दुनिया भर में लाखों लोगों को आनंद मार्ग में दीक्षित किया गया है।