कागजों पर फर्जी मदरसों का बड़ा खेल

Patrika 2020-07-07

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मिर्ज़ापुर-जिले में अब फर्जी मदरसों का बड़ा खेल सामने आया है।यहां में कुल 13 मदरसे कागजो पर फर्जी तरीके से संचालित थे।बकायदे उन्हें सरकारी पैसे का भुगतान किया गया।आरटीआई कार्यकर्ता ने किया खुलासा।अधिकारियों के निरीक्षण में पकड़ा गया फर्जी मदरसों का यह बड़ा खेल।खास बात जिसके नाम से मदरसे का संचालन सरकारी पोर्टल पर दिखाया गया उसने मदरसे चलाने से इंकार किया।5 साल तक कागजो पर चलने वाले इन मदरसों को किया गया भुगतान।

जनपद में कागजो पर मदरसों के खेल का मामला प्रकाश में आया है।इन मदरसों का अस्तित्व तो धरातल पर कही नही था।मगर यह मदरसे सरकारी फाइलों में खूब शिक्षा का प्रकाश फैला रहे थे।वर्षों से चल रहे इन फर्जी मदरसों के खेल का खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा तब हुआ।जब उसने विभाग से आरटीआई के तहत जिले में चल रहे मदरसों और फर्जी मदरसों पर कार्रवाई को लेकर सूचना के अधिकार के तहत जिला अल्पसंख्यक विभाग से जानकारी माँगी। आरटीआई कार्यकर्ता इरशाद का दावा है कि उन्हें जब विभाग द्वारा इसकी जानकारी दी गयी तो इसमे पता चला कि कुल 13 मदरसे सिर्फ कागजो पर फर्जी तरीके से चल रहे है।खास बात तो यह है। कि इन मदरसों में बकायदे बच्चो को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की भी नियुक्ति कर सरकार से धन की वसूली की गयी।2009 और 2010 से यह मदरसे फर्जी कागजो पर चल रहे है।वही आरटीआई कार्यकर्ता के इस दावे की तस्दीक जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी बिनोद कुमार जायसवाल ने भी की है।उनका कहना है कि 8 सितंबर 2018 को निरीक्षण हुआ तो यह घपला उसमे पकड़ में आया।जिस व्यक्ति के नाम पर यह 14 मदरसे सरकारी पोर्टल पर संचालित दिखाई दे रहे है।जब उसे पूछताछ कि गयी तो उसने मदरसों के संचालन करने की बात से इंकार कर दिया है।हालांकि इन फर्जी मदरसों को सरकारी वेतन भुगतान 2012-13 से लेकर दिसंबर 2017 तक हुआ है।अब सभी भुगतान रोक दिया गया है।जाँच की जा रही है।

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