श्रावण मास का आगाज आज से, 'कोरोना काल' में पुलिस के पहरे में शिवालय

Patrika 2020-07-06

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जयपुर। 'हो शंकर मेरे कब होंगे दर्शन तेरे' बॉलीवुड फिल्म का यह गीत कोरोना काल में साकार होता नजर आ रहा है। सावन का महीना आज से शुरू हो गया है, लेकिन पाबंदियों के चलते शिवालयों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर निषेध है। ऐसे में शिवालयों के बाहर ही श्रदालुओं को नतमस्तक होते देखा जा सकता है।

जी, हां देवाधिदेव महादेव की आराधना के प्रिय मास श्रावण मास का आगाज आज उत्तराषाढ़ नक्षत्र सहित अन्य विशेष संयोग के बीच हुआ। कोरोना के चलते इस बार छोटी काशी शिव भक्ति के रंग में सरोबार नजर नहीं आई। 'बम बोलेÓ की गूंज हर शिवालय से नहीं सुनाई दी। शहर के प्राचीन शिवालय ताड़केश्वर महादेव, झारखंड़ महादेव, सदाशिव ज्योर्तिलिंगेश्वर महादेव, जंगलेश्वर, चमत्कारेश्वर, धूलेश्वर, काला महादेव, गलता गेट गीता गायत्री स्थित द्वादश ज्योर्तिलिंगेश्वर सहित अन्य शिवालयों में पूर्णतया भक्तों का प्रवेश निषेध रहा। हालांकि मंदिरों के बाहर से निकलने वाले भक्त कुछ सैकंड रुककर भोलेनाथ के हाथ जोड़ते हुए नजर आए। कॉलोनियों के शिवालयों में भी सीमित संख्या में भक्तों ने जलाभिषेक किया। यहां भी भक्तों की भीड़ नहीं हुई।

ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि सावन की शुरुआत उत्तराषाढ़ा नक्षत्र व वैधृति योग में हुई है। इसके साथ ही चंद्रमा मकर राशि में विचरण करेगा। सावन में 11 दिन सर्वार्थसिद्धि योग आएगा। रवियोग 6 दिन के अलावा कुमार योग और राजयोग 4—4 दिन दिन आएंगे। यानी सावन में करीब 19 दिन विशेष योग रहेंगे। इसबार करीब 16 साल बाद सावन में सोमवती (हरियाली) अमावस्या आएंगी।



ज्योतिषविदों के मुताबिक तीन अगस्त तक श्रावण के पांच सोमवारों को कई विशेष योग-संयोग भी बनेंगे। सावन में करीब 19 दिन विशेष योग रहेंगे,इसमें करीब 17 दिन व्रत—त्योहार आएंगे।

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