Lockdown Weddings: शादी के गठबंधन में 'लॉक' होंगे दूल्हा-दुल्हन

Patrika 2020-06-27

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सविता व्यास जयपुर

जयपुर। कोरोना काल में पाबंदियों के बीच आज से चार दिनों तक राजधानी जयपुर में शादी ब्याह तो होंगे, लेकिन अंदाज कुछ हटकर होगा। न बैंड-बाजों की धूम होगी और ना ही शहनाइयों की गूंज। समारोह गेट पर स्टार्टर फू ड देने के बजाय मास्क और हैंड सैनेटाइजर की स्टॉल नजर आएगी। वहीं, बड़े एंट्री गेट के बजाय अब सेनेटाइजर गेट से मेहमानों की एंट्री होगी। बिना बैंड-बाजा और बारात दूल्हे राजा मुंह पर मास्क लगाकर दुल्हन के द्वार पर पहुंचेंगे। तोरण की रस्म से पहले दूल्हे को टेंपरेचर जांच से गुजरना होगा। हैंड सेनेटाइज कराने के बाद ही वैवाहिक रस्मों का 'श्रीगणेशÓ होगा। वहीं दुल्हन को भी मेहंदी लगे हाथों को पहले सेनेटाइजर करना होगा। वैवाहिक रस्मों के अलावा मास्क लगाने की रस्म आदाएगी के बाद ही दूल्हा-दुल्हन सात जन्मों के लिए एक-दूजे के लिए 'लॉकÓ हो सकेंगे।एक जुलाई को सो जाएंगे देव

गौरतलब है कि देवशयनी एकादशी 1 जुलाई को है। इसके बाद देवउठनी ग्यारस तक मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएंगी। ऐसे में जून माह में चार दिनों में होने वाली शादियों से ही शादी कारोबार से जुड़े लोगों को उम्मीदें हैं। टेंट सोसिएशन के अध्यक्ष रवि जिंदल ने बताया कि राजधानी जयपुर में इन चार दिनों में 400 से 500 शादियां होने की उम्मीद है। अगर लॉकडाउन की पाबंदी नहीं होती तो इन शादियों की संख्या 3000-4000 तक पहुंच सकती थी। इस बीच 29 जून को भड़ल्या नवमी का अबूझ सावा भी है।

सेफ्टी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना जरूरी

इवेंट क्राफ्टर के सीईओ सिद्धार्थ चतुर्वेदी का कहना हैं कि कोरोना महामारी के चलते सुरक्षा पहलूओं पर विशेष फ ोकस किया जा रहा है। सेफ्टी एसओपी को मुख्य रूप से प्री-इवेंट, इवेंट के समय और पोस्ट-इवेंट श्रेणियों में डिवाइड किया गया है। 60 से अधिक सुरक्षा प्रक्रियाएं हैं, जिनका शादी समारोह के दौरान पालन किया जाएगा। इनमें सजावटी सामग्री को सेनेटाइज करना, कार्यक्रम स्थल में प्रवेश करने से पहले प्रत्येक व्यक्ति की टेंपरेचर जांच, सोशल डिस्टेंसिंग मानदंडों के अनुसार बैठने की व्यवस्थ, सीमित संख्या में स्टाफ आदि शामिल है। मेहमानों और कर्मचारियों का मास्क, ग्लव्ज पहनना और सेनेटाइजर का उपयोग करना अनिवार्य होगा। इस दौरान प्रत्येक व्यक्ति को सेफ्टी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराने के लिए सुपरवाइजर भी लगाए जाएंगे।

29 को भड़ल्या नवमी का अबूझ सावा

ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि इस बार भड़ल्या नवमी का संयोग 29 जून को है। भड़ली नवमी को अबूझ तिथि कहा जाता है। इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए पंचांग शोधन या मुहूर्त का मान नहीं देखा जाता है। इस दिन शादी-ब्याह के आयोजन खूब होते हैं। 27 जून को सात रेखा, 28 जून पांच रेखा, 29 को आठ रेखा

व 30 जून को नौ रेखा सावा है।

गौरतलब है कि देश के किसी भी जोन में शादी समारोह के लिए सरकारी इजाजत लेना जरूरी है। इस समारोह में सिर्फ 50 लोग ही उपस्थित रह सकते हैं। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, हाईजीन का पालन करना जरूरी होगा। इसके अलावा मास्क पहनना और लॉकडाउन की अन्य शर्तों का पालन करना जरूरी होगा।

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