किसान महापंचायत ने केंद्रीय मंत्री धर्में्रद प्रधान को लिखा पत्र
दी आंदोलन की चेतावनी
तीन दिन में बढ़ी कीमत वापस ले सरकार
किसान महापंचायत के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल जाट ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर डीजल पेट्रोल के बढ़े दाम वापस लिए जाने की मांग की है साथ ही एेसा नहीं किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है। जाट ने अपने पत्र में लिखा है कि मई के प्रथम सप्ताह में पेट्रोल 71.26 रुपए तथा डीजल 69.39 रुपए प्रति लीटर था, अब इनके दाम क्रमश: से 84.22 रुपए तथा 76.66 रुपए प्रति लीटर हो गए। 7 जून से आज तक इनके दामों में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। इस अवधि की बढ़ोतरी पेट्रोल पर 6.02 रुपए तथा डीजल पर 6.40 रुपए प्रति लीटर है। दुनिया में कच्चे तेल के भावों में गिरावट आने पर भी देश के उपभोक्ताओं की जेब से खर्च कम नहीं हुआ। 1 लीटर पर 3 रुपए एक्साइज ड्यूटी केंद्र सरकार ने ही बढ़ा दी। मई के प्रथम सप्ताह में दुनिया में कच्चे तेल के दामों में गिरावट आने पर केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर १० रुपए तथा डीजल पर 13 रुपए का टैक्स 1 लीटर पर बढ़ा दिया।
एक लीटर पेट्रोल पर 49.42 रुपए तथा डीजल पर 48.69 रुपए की वसूली तो सरकार टैक्स के नाम पर सरकार कर रही है। जिससे उपभोक्ताओं की जेब कट रही है। इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव कृषि एवं औद्योगिक उत्पादनों पर आता है। जिसमें औद्योगिक जगत तो उस खर्चे को उत्पाद पर लादकर जनसामान्य से वसूल कर लेता है। कृषि क्षेत्र के उत्पादक अन्नदाताओं को इस खर्च को जोड़कर कृषि उपयोग के दाम बढ़ाने का अवसर नहीं है। परिणाम स्वरूप किसानों की आय पर चोट होगी, उदाहरण के लिए 1 क्विंटलमूंग की पैदावार का खर्च 300 रुपए तक बढ़ जाएगा। जिसका भार किसानों को ही वहन करना पड़ेगा। लॉकडाउन समाप्त होने से अप्रैल की तुलना में पेट्रोल एवं डीजल की खपत 47.40 फीसदी बढ़ गई है । अप्रैल में यह खपत 1465 करोड़ टन थी। जन कल्याणकारी शासन भी जनता की आय में कटौती कर स्वयं के खजाने कोभरने में जुट गया। कोरोना काल में भी इसका परिणाम जनसामान्य भुगत रहा है। केंद्र सरकार डीजल एवं पेट्रोल पर आरोपित टैक्स को समाप्त करें, जिससे उपभोक्ताओं को पेट्रोल एवं डीजल बाजार भाव पर प्राप्त हो सकेगा। यदि केंद्र सरकार ने 3 दिन में कर वापसी की घोषणा नहीं की तो 20 जून को आंदोलन की तैयारी आरम्भ करनी होगी।